scriptन शिक्षक न प्रधानाचार्य, भगवान भरोसे यूपी की शिक्षा | More than 60 percent Teacher and principal posts vacant for years | Patrika News
वाराणसी

न शिक्षक न प्रधानाचार्य, भगवान भरोसे यूपी की शिक्षा

डिग्री हो या माध्यमिक कॉलेज वर्षों से साल दर साल रिटायर हो रहे शिक्षक, प्रधानाचार्य, नहीं हो रही भर्तीअनुदानित 61 माध्यमिक विद्यालयो में प्रधानाचार्य नहींराजकीय विद्यालयों का हाल और भी बुराचयन आयोग पर उठ रहे हैं सवाल

वाराणसीJun 08, 2019 / 12:36 pm

Ajay Chaturvedi

यूपी का कॉलेज प्रतीकात्मक फोटो

यूपी का कॉलेज प्रतीकात्मक फोटो

वाराणसी. प्रदेश की शिक्षाद व्यवस्था भगवान भरोसे ही चल रही है। डिग्री हो या इंटर कॉलेज वर्षों से शिक्षक और प्रधानाचार्यों के पद रिक्त है। साल दर साल टीचर्स व प्रिंसिपल रिटायर होते जा रहे हैं जिनकी जगह नई नियुक्ति नहीं हो रही। नतीजा कॉलेजों में पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है।
आलम यह है कि अगर केवल माध्यमिक इंटर कॉलेजों की बात करें तो बनारस में ही 61 कॉलेज कार्यवाहक प्रधानाचार्यों के भरोसे चल रहा है। बता दें कि बनारस में 104 माध्यमिक विद्यालय हैं, इनमें से 32 हाईस्कूल और 29 इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य के पद रिक्त हैं। इसमें भी हर साल बढोत्तरी ही हो रही है। ऐसा नहीं कि रिक्तियों की सूचना आयोग को न हो। हर साल कॉलेजों से जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय और वहां से आयोग को रिक्त पदों की सूची भेजी जा रही है पर आयोग से चयन प्रक्रिया शुरू न होने से सारा मामला वहीं का वहीं अटका रहता है। ऐसे में प्रबंध तंत्र के स्तर से ही वरिष्ठ शिक्षक को प्रधानाचार्य का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया जा रहा है। इससे दो तरह की दिक्कत आ रही है। न तो प्रशासनिक कार्य ही ठीक से चल पा रहा न शिक्षण कार्य।
प्रदेश स्तर की बात करें तो राज्य में 330 अनुदानित कॉलेज हैं जिसमें से 292 कॉलेजो में कार्यवाहक प्रधानाचार्य के भरोसे काम चलाया जा रहा है। इन अनुदानित कॉलेजों में 2007 के बाद से नई नियुक्ति नहीं हुई है। 2005 में विज्ञापन निकला था लेकिन इन सभी नियुक्तियों को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के स्तर से रद कर दी गईँ।
अनुदानित तो अनुदानित, राजकीय विद्यालयों का भी वही हाल है। जिले के अधिकांश राजकीय कॉलेजो में वर्षों से प्रधानाचार्यों के पद रिक्त हैं। इसमें राजकीय क्वींस इंटर कॉलेज, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज. राधाकिशोरी इंटर कॉलेज, प्रभुनारायण सिंह इंटर कॉलेज, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज जक्खिनी, राजकीय बालक इंटर कॉलेज जक्खिनी, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज टिकरी में प्रधानाचार्य नहीं है।
राजकीय हाईस्कूल व इंटर कॉलेजों में एलटी ग्रेड के 18,491 पद स्वीकृत हैं। इसमे से फिलहाल 7,191 शिक्षक ही कार्यरत हैं, 11,300 पद रिक्त हैं। ऐसे ही प्रवक्ता के 7,191 शिक्षक कार्यरत हैं जबकि 11,300 पद रिक्त हैं। इस तरह प्रवक्ता के स्वीकृत 8, 644 पद में से 5, 465 पद रिक्त हैं। इस प्रकार कुल 2, 7137 पदों में से 10, 370 पद पर ही शिक्षक कार्यरत हैं। यानी 62 फीसद पद रिक्त हैं।
जानकारी के मुताबिक माध्यमिक शिक्षा विभाग एलटी ग्रेड के 10 हजार से अधिक पदों पर पिछले तीन साल से नियुक्ति नहीं कर सका है। 2016 में नियमावली बदल कर संयुक्त शिक्षा निदेशक स्तर से अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक को नियुक्ति प्राधिकारी बनाया गया। सितंबर 2016 से जनवरी 2017 तक ऑनलाइन आवेदन लिए गए। लेकिन सरकार बदलते ही भर्ती प्रक्रिया रोक दी गई।
कोट
चयन आयोग की दोषपूर्ण कार्य प्रणाली के चलते यह समस्या है। हालत यह है कि विज्ञापन निकलने के वर्षों बाद तक नियुक्तियां नहीं हो पा रही हैं। पूरे प्रदेश की बात करें तो 65 फीसद माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्यो के पद रिक्त हैं। डॉ प्रमोद कुमार मिश्रा, पूर्व शिक्षक विधायक, माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय मीडिया प्रभारी

उधर डिग्री कॉलेजों की बात करें तो यहां शिक्षकों की नियुक्ति के लिए उच्च शिक्षा सेवा चयन आयोग है। लेकिन उसका भी वही हाल है। हाल यह है कि यूपी कॉलेज में डॉ गुलाब सिंह के बाद नई नियुक्ति नहीं हुई। अग्रसे कन्या महाविद्यालय में डॉ कृष्णा निगम के बाद से कार्यवाहक प्राचार्य के भरोसे ही कॉलेज चल रहा है। इसी तरह हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज, जगतपुर पीजी कॉलेज, राममनोहर लोहिया पीजी कॉलेज, बलवंत सिंह पीजी कॉलेज में शिक्षकों के पद भी वर्षों से रिक्त चल रहे हैं.

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