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सप्ताह में तीन दिन रिक्शा चलाकर BHU में पीएचडी कर रहा है ये शख्स, पैसे जोड़कर उठा रहा खर्चा

locationवाराणसीPublished: Feb 15, 2018 07:19:26 pm

बनारस के एक रिक्शेवाले की कहानी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है…

Mukesh rikshawala doing phd in bhu viral post on face book

सप्ताह में तीन दिन रिक्शा चलाकर BHU में पीएचडी कर रहा है ये शख्स, पैसे जोड़कर उठा रहा खर्चा

वाराणसी. बनारस के एक रिक्शेवाले की कहानी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है। लोगों को मुकेश नाम के इस शख्स की कहानी काफी पसंद आ रही है। दरअसल, मुकेश रिक्शा चलाकर ना सिर्फ अपना बल्कि पूरे परिवार का पालन पोषण कर रहा है। वहीं BHU में अर्थशास्त्र विषय में पीएचडी भी कर रहा है। यही नहीं इससे पहले वह नेट भी क्वालीफाई कर चुका है। साथ ही अपने भाई की पढ़ाई का भी खर्चा उठा रहा है।
बता दें कि, फेसबुक पर इस पोस्ट को काफी पसंद किया जा रहा है। ये हैं मुकेश जो सप्ताह में तीन दिन रिक्शा चलाकर पैसे एकत्र करते हैं और इससे अपनी पढ़ाई का खर्चा उठाते हैं। मुकेश के पिता नहीं हैं, इसलिए ये अपने भाई की भी जिम्मेदारी उठाते हैं।
मुकेश का कहना है कि, मैं ब्राहम्ण हूं, भीख मांग सकता हूं, लेकिन अपना स्वाभीमान नहीं खो सकता। मुझे किसी के आगे झुकना पसंद नहीं है। इसलिए रिक्शा चलाता हूं। नेट तो क्लीयर कर ही लिया है अब पीएचडी भी पूरी हो जाएगी तो कहीं ना कहीं लग ही जाउंगा। अपना भी समय बदल जाएगा। भाई की पढ़ाई भी पूरी हो जाएगी।
जब मुकेश से पूछा गया कि, आपकी परिवार की स्तिथी पर क्या कभी सरकार से ममद नहीं मिली। तो उन्होंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि, हम सब ने भीख मांगकर देश का निर्माण किया है। दान लेना और दान देना हमारे समाज की परंपरा है। मैं सरकार से अपेक्षा क्यों करूं… मुझे आऱक्षण नहीं चाहीए। मैं स्वाभिमान नहीं बेच सकता। मैं गिड़गिड़ा नहीं सकता। रिक्शा चलाना मैं अपना स्वाभिमान समझता हूं। किसी का उपकार क्यूं लेना।
कुछ दिनों बाद हमारी भी जिंदगी बदल जाएगीष मैं मारी मां को कुछ नहीं करने देता। उनकी सेवा करनी ही सबकुछ है। वो बस हमें दुलार देती है। मेरे लिए उनका आशीर्वाद और साहस ही काफी है। ऐसी डिटेल फेसबुक पर दी गई है।
लेकिन, जब यूनिवर्सिटी से इस शख्स के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि, इस वर्ष के हमारे रिकॉर्ड में मुकेश नाम के किसी स्टूडेंट का नाम दर्ज नहीं है। अच्छी बात यह है कि, वायरल पोस्ट के बाद मुकेश की मदद के लिए यूनिवर्सिटी को कई फोन कॉल आ रहे हैं। पुराने रिकॉर्ड देखें जा रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई तथ्य सामने नहीं आया है।
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