वाराणसी. बाहुबली मुख्तार अंसारी की पार्टी कौएद व सपा का विलय हो जाने से माफिया से माननीय बने बृजेश सिंह को तगड़ा झटका लग सकता है। जयराम दुनिया में मुख्तार अंसारी व बृजेश सिंह की अदावत किसी से छिपी नहीं है। कौएद व सपा में विलय हो जाने के बाद मुख्तार अंसारी की ताकत और बढ़ गयी है।
यूपी में आज भी बृजेश सिंह व मुख्तार अंसारी के बीच हुए गैंगवार की चर्चा होती रही है। माफिया से माननीय बने बृजेश सिंह जब फरार चल रहे थे तो दोनों ही पार्टी के बीच झड़प होती रहती थी। कभी बृजेश सिंह के गिरोह का कोई शूटर मारा जाता था तब आरोप मुख्तार अंसारी के गैंग पर लगता था और जब मुख्तार के शूटर की हत्या होती थी तो बृजेश गिरोह पर निशाना साधा जाता था। माफिया से माननीय बने बृजेश सिंह के खास रहे कृष्णानंद राय की हत्या में मुख्तार अंसारी पर मुकदमा दर्ज है और इसी आरोप में वह जेल में भी बंद है। इससे समझा जा सकता है कि दो धुर विरोधियों की बीच कितनी पुरानी अदावत है। समय के साथ दोनों ही गैंग के मुखिया ने अपनी कार्यप्रणाली में बदलाव लाया है। मुख्तार अंसारी ने पहले राजनीति की दुनिया में कदम रखा और वह विधायक भी बने। बृजेश सिंह ने भी राजनीति की राह पकड़ी थी लेकिन वर्ष 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में बृजेश सिंह को हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद वर्ष 2016 में बृजेश सिंह ने एमएलसी का चुनाव जीत कर राजनीति में अपना खाता खोला है।
अब मुख्तार अंसारी को मिलेगा सत्ता का साथ
सपा में विलय हो जाने के बाद मुख्तार अंसारी की ताकत और बढ़ गयी है। बाहुबली मुख्तार को अब सत्ता पक्ष का साथ मिलेगा। बृजेश सिंह के भतीजे सुशील सिंह भी बीजेपी के विधायक है लेकिन यूपी में बीजेपी की सरकार नहीं है इसलिए मुख्तार अंसारी की ताकत बढऩे से बृजेश सिंह को तगड़ा झटका लग सकता है।
बीकेडी के सिर पर मुख्तार का हाथ
बृजेश सिंह के परिजनों की हत्या करने का आरोप बीकेडी पर लगा है। पूर्वांचल में उभरते हुए माफिया में बीकेडी का नाम सबसे उपर है और जयराम जगत की माने तो बीकेडी के सिर पर मुख्तार अंसारी का हाथ है जिसके चलते 50 हजार का इनाम होने के बाद भी सीएम अखिलेश की पुलिस आज तक बीकेडी को पकड़ नहीं पायी है।