मुख्तार अंसारी गैंग की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिये मछली कारोबार बहुत बड़े पैमाने पर होता था। गैंग से जु़ड़े और कई करीबी इसके बडत्रे कारोबारी थे। पुलिस ने पूर्वांचल के जिलों में मुख्तार गैंग और उनसे जुड़े मछली माफिया और कारोबारियों की कमर तोड़ने के लिये लगातार कार्रवाई की। वाराणसी, जौनपुर, मऊ, गाजीपुर, चंदौली समेत जिलों में मछली माफिया पर कार्रवाई कर उनकी करोड़ों की सम्पत्ति जब्त की गई। इसी तरह मुख्तार गैंग की वसूली पर भी पुलिस ने काफी हद तक अंकुश लगा दिया है। मऊ में पत्नी और साले के अवैध गोदाम को ढहाकर, जमीन कब्जे से मुक्त करायी गई तो करीबी कोयला माफिया उमेश सिंह का करोड़ों का शाॅपिंग माॅल सीज हुआ और उनके एक अन्य करीबी का अवैध बुचड़खाना भी ढहा दिया गया।
इसी तरह मुख्तार गैंग के सहयोगी वसूली माफिया सुरेश सिंह की सवा 4 करोड़ से अधिक गाड़ियां जब्त कर ली गईं। अलग-अलग जिलों में मछली कारोबार, स्टोरेज, बूचड़खाना और गिरोह बनाकर वसूली समेत धंधों पर पुलिस ने अंकुश लगा दिया है। पुलिस रिपोर्ट की मानें तो अकेले मछली कारोबार से ही मुख्तार गैंग को करीब 33 करोड़ की इनकम होती थी। एडीजी कार्यालय से भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक मुख्तार की शह पर गाजीपुर, मऊ व आजमगढ़ में कब्जाई गई 120 करोड़ रुपये कीमत की संपत्ति अवैध कब्जे से मुक्त कराई गई है।
अवैध कारोबार के अलावा पुलिस के निशाने पर मुख्तार गैंग का ठेके का काम भी है। गैंग उनसे जुड़े करीबी ठेकेदारों के खिलाफ भी पुलिस की कार्रवाई जारी है। मुख्तार अंसारी के करीबी आसानी से सरकारी ठेके पा जाते रहे हैं। आरोप है कि इन ठेकेदारों ने जो काम करवाए उनकी गुणवत्ता भी बेहद खराब रही। बावजूद इनके ठेके चल रहे थे। पुलिस ने ऐसे ठेकेदारों को चिन्हित कर तेजी से उनके खिलाफ भी कार्रवाई कर रही है। बताया जा रहा है कि अब तक ऐसे आठ ठेकेदार चिन्हित कर उनका चरित्र प्रमाण पत्र कैंसिल करा दिया गया है। ऐसे में अब ये ठेकेदार सरकारी ठेके नहीं ले पाएंगे।
कार्रवाई की जद में केवल मुख्तार अंसारी का गैंग और उनके करीबी ही नहीं आए, बल्कि उनके परिवार के लोगों को भी पुलिस ने नहीं छोड़ा है। पत्नी और भाई समेत रिश्तेदारों और करीबियों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर जमा करा लिये गए हैं। आरोप है कि कई करीबियों ने अपने उपर दर्ज मुकदमों की जानकारी छिपाकर लाइसेंसी असलहे ले रखे थे। पुलिस ने जांच कर ऐसे 81 असलहों असलहों का लाइसेंस कैंसिल कर उन्हें जमा करा लिया है और मुकदमे भी दर्ज हुए हैंं। इसी सप्ताह मुख्तार के बेहद करीबी गुर्गे मेराज अहमद खान ‘भाई मेराज’ का शस्त्र लाइसेंस भी कैंसिल किया है। हालांकि मेराज अभी पुलिस की पकड़ से बाहर है।
एडीजी जोन बृजभूषण मीडिया को बताया है कि मुख्तार और उनके करीबियों की 48 करोड़ की सालाना आय बंद कर दी गई है। साथ ही 120 करोड़ रुपये कीमत की सम्पत्तियां कब्जे से मुक्त कराते हुए अवैध कार्य में संलिप्त करीबियों पर भी कार्रवाई जारी है। उन्होंने कहा है कि पूर्वांचल में दशकों से अपराध का पर्याय बने गिरोह पर शिकंजा कसने लगा है।