संसदीय चुनाव २०१९ में सपा, कांग्रेस व बसपा में गठबंधन होने की संभावना है। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने सार्वजनिक मंच से यह बात कही थी। मुलायम सिंह यादव ने यूपी चुनाव के समय ही कांग्रेस से गठबंधन का विरोध किया था, लेकिन अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह यादव की बात नहीं मानी थी और चुनाव में सपा को करारी शिकस्त मिली थी। ऐसे में सवाल उठ रहे है कि मुलायम सिंह यादव फिर से अखिलेश यादव के साथ आते हैं तो महागठबंधन का क्या होगा। मुलायम सिंह यादव कभी भी सपा को कांग्रेस से गठबंधन करने नहीं देंगे।
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संसदीय चुनाव 2019 के पहले बदल रहे सियासी समीकरण
संसदीय चुनाव 2019 के पहले नये सियासी समीकरण बनने लगे है। अर्थव्यवस्था की खराब हालत के पहले तक बीजेपी का पलड़ा भारी था, लेकिन रोजगार की कमी से बीजेपी के प्रति लोगों की नाराजगी बढऩे लगी है। एक समय सपा कमजोर नाराज आ रही थी और मुलायम परिवार की कलह से पार्टी को सबसे अधिक नुकसान हुआ था। वर्तमान समय जो हालत बन रहे हैं उसमे मुलायम व अखिलेश के एक होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। बसपा की स्थिति पहले अच्छी थी, लेकिन लगातार नेताओं के पार्टी छोडऩे से बसपा की ताकत घटती जा रही है। बिहार में बीजेपी को नीतीश कुमार का साथ मिल चुका है इसलिए लालू यादव के विरोध से पार्टी को अधिक समस्या नहीं होगी। संसदीय चुनाव होने में अभी समय है और पल-पल में जिस तरह से समीकरण बदल रहे है उससे साफ हो जाता है कि आने वाला चुनाव किसी भी दल के लिए आसान साबित नहीं होगा।
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संसदीय चुनाव 2019 के पहले नये सियासी समीकरण बनने लगे है। अर्थव्यवस्था की खराब हालत के पहले तक बीजेपी का पलड़ा भारी था, लेकिन रोजगार की कमी से बीजेपी के प्रति लोगों की नाराजगी बढऩे लगी है। एक समय सपा कमजोर नाराज आ रही थी और मुलायम परिवार की कलह से पार्टी को सबसे अधिक नुकसान हुआ था। वर्तमान समय जो हालत बन रहे हैं उसमे मुलायम व अखिलेश के एक होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। बसपा की स्थिति पहले अच्छी थी, लेकिन लगातार नेताओं के पार्टी छोडऩे से बसपा की ताकत घटती जा रही है। बिहार में बीजेपी को नीतीश कुमार का साथ मिल चुका है इसलिए लालू यादव के विरोध से पार्टी को अधिक समस्या नहीं होगी। संसदीय चुनाव होने में अभी समय है और पल-पल में जिस तरह से समीकरण बदल रहे है उससे साफ हो जाता है कि आने वाला चुनाव किसी भी दल के लिए आसान साबित नहीं होगा।
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अखिलेश व मुलायम के साथ आने से पूर्वांचल में सपा की बढ़ेगी ताकत
उत्तर प्रदेश की सत्ता का रास्ता पूर्वांचल से होकर जाता है। पूर्वांचल में जब भी सपा कमजोर होती है तो सत्ता से बाहर हो जाती है। पूर्वांचल में मुलायम सिंह की पकड़ है। संसदीय चुनाव २०१४ में मोदी लहर के चलते सपा के बड़े-बड़े नेता हार जाते हैं वहीं पर मुलायम ङ्क्षसह यादव ने आजमगढ़ में मोदी लहर को हराते हुए चुंनाव जीता था। इससे साफ हो जाता है कि मुलायम सिंह की पूर्वांचल में अच्छी पकड़ है और मुलायम सिंह यादव सपा से किनारे हुए तो पार्टी को सत्ता से बाहर होना पड़ा।
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