लकड़ी के पटरे से सिर पर किया ताबड़तोड़ वार जानकारी के मुताबिक युवक ने लकड़ी के पटरे से पिता-पुत्र के सिर पर ताबड़तोड़ वार कर उन्हें मौत की नींद सुला दिया। घटना के वक्त परिवार के लोग चीखते-चिल्लाते रहे पर उसका तनिक भी असर हमलावर युवक पर नहीं पड़ा। पुलिस ने आरोपी दशमी को गिरफ्तार कर लिया है।
दोनों परिवारों में काफी दिनों से चल रही थी अनबन
बताया जा रहा है कि आरोपी दशमी अक्सर नशे की हालत में आकर गाली देता रहा। लेकिन इस जघन्य कृत्य के पीछे की वजह दोनों परिवारों में अरसे से चला आ रहा विवाद भी प्रमुख कारण बताया जा रहा है।
पुलिस के आला अफसर व फोरेंसिक टीम पहुंची मौके पर
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी फोरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंचे और साक्ष्य जुटाए। हत्या में प्रयुक्त लकड़ी का पटरा पुलिस ने कब्जे में ले लिया है।
पिता-पुत्र के सिर पर किया हमला सोयेपुर गांव निवासी जलालुद्दीन (65) फेरी लगाकर परिवार का जीविकोपार्जन करते थे। जलालुद्दीन के पांच बेटों और दो बेटियों में सबसे बड़ा पुत्र शमशेर (45) भी पिता के काम में हाथ बटाता था। मृतक जलालुद्दीन के परिजनों ने पुलिस को बताया कि रविवार की रात पिता और पुत्र के अलावा भतीजा आर्यन और भतीजी जन्नत सोएए थे। देर रात पड़ोस का दशमी राजभर शराब के नशे में धुत होकर पहुंचा और सो रहे शमशेर को भद्दी-भद्दी गालियां देने लगा। विरोध करने पर दशमी ने पटरे से शमशेर के सिर पर हमला कर दिया। पिता जलालुद्दीन को बचाने के लिए बेटा बीच में आया तो दशमी ने उसके सिर पर भी वार कर उन्हें भी मौत की नींद सुला दिया। घटना के बाद दशमी मौके से भाग निकला। भतीजा और भतीजी के शोर मचाने पर परिवार और आसपास के लोग जुटे। आनन-फानन में जख्मी पिता-पुत्र को पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।
बेटे को बचाने में गई पिता की जान रविवार को जब वह सोते समय शमशेर को गालियां दे रहा था तो शमशेर उठा और दशमी को वहां से जाने को कहा। लेकिन दशमी नही गया, तब उसने उसे मार दिया, जिससे बात बढ़ गई। इस दौरान जलालुद्दीन और आसपास के लोग जाग चुके थे। विवाद बढ़ने पर दशमी जब पटरे से शमशेर के सिर पर हमला करने लगा तो पिता जलालुद्दीन उसे बचाने पहुंचे। दशमी ने उनसे भी हाथापाई की और उनके भी सिर पर पटरे से वार कर दिया। इस दौरान परिवार के लोग चीख-पुकार रहे थे।
15 मिनट तक करता रहा हमला, आसपास के लोग घरों से देखते रहे तमाशा आसपास के लोग घरों से तमाशा देख रहे थे। घटना के बाद आसपास के लोग धीरे-धीरे आगे आने लगे। बताया जा रहा है कि दशमी को पिता-पुत्र को मारने में कम से कम 15 मिनट लगे। इतने में आसपास के लोग चाहते तो हमलावार को पकड़ सकते थे लेकिन वह आराम से मौके से निकल भागने में सफल रहा। हालांकि कुछ देर बाद वह मोहल्ले से ही पकड़ा गया। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और हत्या की दूसरी वजह का भी पता लगा रही है।
नशेड़ी ही नहीं मनबढ़ भी है दशमी बताते हैं कि दशमी राजभर नशेड़ी ही नहीं, मनबढ़ भी हैं। उसे शराब, गांजा, जुए की लत है और आएदिन कमजोर लोगों को मारपीट कर उनसे रूपये छीन लेता था। अक्सर नशे की हालत में घर पहुंचता तो किसी न किसी को गालियां देता रहता था। वह जलालुद्दीन और उसके परिवार को पहले भी गालियां देता रहा। इस कारण दोनों परिवारों में अक्सर विवाद होता रहा। इसे लेकर अंदर ही अंदर दोनों परिवारों में तनाव बना रहा। दशमी भी नशे की हालत में अपने साथियों के बीच जलालुद्दीन व उसके बेटे को मारने की बात कहता रहता था।
सोयेपुर क्यों है चर्चित ये सोयेपुर गांव ही है जहां 17 फरवारी 2010 को इसी गांव में हुए जहरीली शराब कांड में करीब 28 लोगों की जान चली गई थी। इस घटना से शासन में भी खलबली मच गई थी। कई नामधारी नेताओं समेत दर्जनों लोगों पर 34 से अधिक मुकदमे कायम हुए। लंबी जांच और तमाम कानूनी प्रक्रियाओं के बाद भी इतनी मौतों के जिम्मेदारों को न तो पकड़ा जा सका और न मृतकों के परिवारों को न्याय मिल सका। और तो और शासन स्तर से मुकदमे ही वापस लेने की कवायद शुरू हो गई थी। इन मौतों की फाईलें आज भी ठंडे बस्ते में है। इसके अलावा पास के लालपुर का राय साहब का बगीचा भी रह-रहकर किसी न किसी घटना की वजह से चर्चा में रहता है। यहां गुत्थियां उलझती और सुलझती रहती हैं और जिन्हें नही सुलझाना होता है उन्हें लटका दिया जाता है।