पातालपुरी मठ में ऐसे ही अनोखे गुरु पर्णिमा का आयोजन किया गया है। मुस्लिमों ने मठ के महंत बालक दास को गुरु मानते हुए मुस्लिम महिलाओं ने आरती उतारी है। महंत बालक दास ने कहा कि कोई भी धर्म भेद नहीं सिखाता है। सभी धर्म में गुरु को सर्वोच्च स्थान रहता है। किसी भी धर्म में नफरत का पाठ नहीं पढ़ाया जाता है। दुनिया नफरत को खत्म करना चाहती है ऐसे में सभी धर्म के लोग एक-दूसरे के सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेकर बीच की खाई को पाट सकते हैं। सभी धर्मगुरु का काम सभी को गले लगाना है और भटके हुए लोगों को सही मार्ग भी दिखाना होता है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के पूर्वी यूपी के प्रभारी मो.अजहरूद्दीन ने कहा कि समाज में जीने, रहने व व्यवहार करने का ज्ञान सच्चे गुरु से मिलता है। लोग उन गुरुओं के पास नहीं जाना चाहते हैं जो नफरत को पाठ पढ़ाते हैं। कबीर और तुलसी का शहर काशी में हमेशा से गंगा जमुनी तहजीब पर ही चलता है। उन्होंने का कहा सभी लोग मिल कर एक-दूसरे के सुख व दु:ख में साथ देंगे तो राजनीति करने वालों को बांटने का मौका ही नहीं मिल पायेगा। मठ के महंत बालक दास ने सभी को गले लगा कर एकता का संदेश दिया। इस अवसर पर डा.राजीव श्रीवास्तव, मो.अजहरुद्दीन, डा.इरफान अहमद शम्सी, डा.गुरफान जावेद, अब्दुल कलाम, मो.इदरीश, नेक मुहम्मद, जाफर अली, मो.सलीम, नानजीन अंसारी, संदीप कुमार चौरसिया, शिवेन्द्र सिंह आदि लोग उपस्थित थे।
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