प्रयागराज में पत्रिका से बातचीत करते हुए धर्मगुरू मौलवी मोईन हबीबी ने फैसले का स्वागत तो किया लेकिन कहा कि सरकार और प्रशासन को किसी एक धर्म को लेकर ऐसे फैसले नहीं करनी चाहिए। प्रशासन अगर सड़क पर नमाज अता करने से रोक रहा है तो ये फैसला दुर्गापूजा और दशहरा पर भी लागू होना चाहिए। उन्होने कहा कि हम ऐसी कोई इबादत नहीं करना चाहते जिसमें आवाम को तकलीफ हो पर नियम कानून हर किसी के लिए समान होने चाहिए।
कहा भीड़ ज्यादो होने से लेते हैं सड़क पर सहारा
मौलवी ने कहा कि डीजीपी को इस बात को समझना चाहिए कि हम शौक से सड़क पर नमाज नहीं अता करते। जब नमाज के समय मस्जिद में भीड़ अधिक हो जाती है तब हमें सड़क का सहारा लेना पड़ता है। उन्होंने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया 5 से 7 मिनट की होती है । अगर इतनी देर में आवाम को तकलीफों का सामना करना पड़ता है । तो हमें यह आदेश मंजूर है । लेकिन इसकी तामिली सही ढंग से होनी चाहिए कहा की आने वाले समय में दुर्गा पूजा दशहरा देवी जागरण के लिए भी नियम का पालन होना चाहिए ।
डीजीपी ने दिया था निर्देश बतादें कि यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने अलीगढ़ और मेरठ की तर्ज पर पूरे प्रदेश में सड़कों पर नमाज पढ़ने या आरती करने पर रोक लगाने की मंशा जताई है। डीजीपी का कहना था कि हम सार्वजनिक जगहों पर ऐसा कुछ नहीं करने देंगे जिससे लोगों को परेशानी हो। डीजीपी ने स्वतंत्रता दिवस और कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पैदा हुए हालातों को देखते हुए सिक्युरिटी अलर्ट जारी किया है।