scriptNational Webinar में बोले वक्ता, लॉकडाउन में तेजी से बढ़ रहे डिप्रेशन के मरीज, बढ़ रही सुसाइड की ट्रेंडेन्सी | National Webinar On Mental health During Lockdown Period In Varanasi | Patrika News

National Webinar में बोले वक्ता, लॉकडाउन में तेजी से बढ़ रहे डिप्रेशन के मरीज, बढ़ रही सुसाइड की ट्रेंडेन्सी

locationवाराणसीPublished: May 23, 2020 01:12:44 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

वसंत महिला महाविद्यालय तथा भारतीय काउंसलिंग साइकोलॉजी एसोसिएशन की तरफ से एक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया

National Webinar में बोले वक्ता, लॉकडाउन में तेजी से बढ़ रहे डिप्रेशन के मरीज, बढ़ रही सुसाइड की ट्रेंडेन्सी

National Webinar में बोले वक्ता, लॉकडाउन में तेजी से बढ़ रहे डिप्रेशन के मरीज, बढ़ रही सुसाइड की ट्रेंडेन्सी

वाराणसी. वसंत महिला महाविद्यालय तथा भारतीय काउंसलिंग साइकोलॉजी एसोसिएशन की तरफ से एक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। इसमें कोरोना (Covid-19) काल में मानसिक स्वास्थ्य की प्रासंगिकता” विषय पर देश भर के विद्वानों ने अपनी राय रखी। सभी की राय में एक समानता यो दिखी की लॉकडाउन के इस काल में डिप्रेशन के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं साथ ही मरीजों में सुसाइड की ट्रेंडेन्सी भी अधिक हुई है।
वेबिनार में मुख्य वक्ता डॉ. राजेश भट्ट (असिस्टेंट प्रोफेसर,मनोविज्ञान विभाग, गढ़वाल यूनिवर्सिटी, श्रीनगर) ने कहा की लाकडाउन ने मानव जीवन की मुसीबतों को बढ़ा दिया है इन दिनों डिप्रेशन के भी मरीज ज्यादा बढ़ गए हैं। हालात यह हैं कि हर 10 मरीज में से 4 मरीजों में सुसाइड की टेंडेंसी देखने को मिल रही है और यह अत्यधिक चिंता का विषय है।
संकेतों को न करें नजरअंदाज

डॉ. राजेश ने बताया की जैसे ही लगे की आप के आसपास कोई व्यक्ति इस बीमारी की चपेट में आ गया है तो उसकी बीमारी को नजरअंदाज न करें। तत्काल मनोचिकित्सक की सलाह लें। उन्होंने यह भी बताया की इस समय विभिन्न देशों में लगभग 900 से अधिक आत्महत्या रोकथाम केंद्र खोले गए हैं और नए-नए केंद्र खोले भी जा रहे हैं। आत्महत्या का प्रयास करने वाले लोगों को मनोचिकित्सक से या परामर्शक से सलाह अवश्य लेनी चाहिए और यदि वे ऐसा नहीं करते है तो स्थिति बिगड़ने के बाद आत्महत्या भी कर लेते है। इस गंभीर समस्या से बचने के लिए परिवार के लोगों को इसे बहुत ही संवेदनशील होकर समझना चाहिए।
क्या बोले मनोवैज्ञानिक

वेबिनार को संबोधित करते हुए डॉ, तुषार सिंह (असिस्टेंट प्रोफेसर, मनोविज्ञान विभाग, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय) ने कहा की कोरोना काल में मानसिक स्वास्थ्य को उन्नत बनाने के लिए आने के लिए हम सभी को काम करना चाहिए। अपने आसपास मदद के भावना लोगों की मुश्किलें कम करने का प्रयास काफी हद तक लोगों को संभाल सकता है।
घबराएं नहीं मजबूती से लड़ें लड़ाई

वहीं वेबिनार में बोलते हुए डॉ तूलिका सिंह (असिस्टेंट प्रोफेसर, मनोविज्ञान विभाग, रामदयालु सिंह कॉलेज मुजफ्फरपुर) ने कहा कि अभी वर्तमान समय संकट का समय है लेकिन हमें संकट से घबराना नहीं चाहिए। बल्कि इस संकट का मुकाबला करके उसके साथ समायोजन स्थापित करना चाहिए।। डॉ तूलिका ने इस संकट के समय लोगों के ऐसे व्यवहार करने के सलाह भी दिए जिससे हम समस्याओं से घिर न सकें।

ट्रेंडिंग वीडियो