कहानियों की रचना इस आधार पर करनी होगी योजना के तहत शिक्षक इलाकाई और मातृ भाषा के आधार पर संदेश देने वाली बाल कथाओं की रचना करेंगे। इन रचनाओं की स्क्रीनिंग होगी। स्क्रीनिंग जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) की स्क्रीनिंग कमेटी करेगी। हर जिले से दो-दो कहानियों का चयन होगा। उसके बाद इन जिला स्तरीय रचनाओं के आधार पर प्रदेश स्तर पर शिक्षकों की रचनाओं का मूल्यांकन होगा। फिर राज्य स्तर पर प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी और उसके विजेता को पुरस्कृत किया जाएगा।
जिला स्तरीय प्रतियोगिता को 30 सितंबर तक देना होगा आवेदन राज्य हिंदी संस्थान निदेशालय की ओर से जिला और राजय स्तरीय प्रतियोगिता के लिए प्रविष्ठियां जमा करने की अंतिम तिथि घोषित कर दी गई है। इसके तहत जिला स्तर पर 30 सितंबर और राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए 20 अक्टूबर तक प्रविष्ठियां जमा करनी होंगीं।
मकसद पहले गुरुजी लोगों की रचनाधर्मिता का इम्तिहान होगा इस पूरी प्रक्रिया का मकसद शिक्षकों की कल्पनाशीलता और रचनाधर्मिता का इम्तिहान होगा। इससे शिक्षक-शिक्षिकाओं के भाषा ज्ञान का भी पता चलेगा। साथ ही इसमें निपुण होने के बाद वो किस्से-कहानियों के जरिए बच्चों को व्यावहारिक शिक्षा प्रदान कर सकेंगे।