13 दिसंबर को हुआ था श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण बता दें कि दो साल तक चले जीर्णोद्धार कार्य के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर को श्री काशीविश्वनाथ धाम के नए विशाल स्वरूप को लोकार्पित किया था। अब उसी क्रम में आदि देव भोले नाथ के दरबार में शंखनाद का कीर्तिमान बनने जा रहा है। यह आयोजन उत्तर-मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनसीजेडसीसी) करा रहा है।
दिन के 10 से 12 के बीच होगा शंखनाद जानकारी के मुताबिक दिन के 10 से दोपहर 12 बजे के मध्य ये शंखनाद होगा। इस अनूठे आयोजन के लिए देश के कोने-कोने से लगभग 1500 शंख वादकों ने इस कीर्तिमान में अपनी विधा का प्रदर्शन करने के लिए आवेदन किया था। इसमें सिर्फ प्रयागराज से ही 20 आवेदक रहे। इसके अलावा उत्तर-पूर्व क्षेत्र के 200 शंखवादक हैं।
सभी शंखवादकों के लिए ड्रेसकोड सभी शंखवादकों के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया है, जिसके तहत सभी पारंपरिक पोशाक यानी पुरुष धोती-कुर्ता और महिलाएं साड़ी या सलवार सूट पहनेंगी। सभी संखवादकों को मिलेगा पारितोषिक
सभी शंखवादकों को एक हजार रुपये मानदेय और प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।
पहली जनवरी से शुरू शंखनाद नियमित होगा साल के पहले दिन पहली जनवरी से श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में शुरू होने वाला शंखनाद प्रतिदिन होगा। एनसीजेडसी निदेशक प्रो सुरेश शर्मा के अनुसार शंखनाद की तैयारी पूरी हो चुकी है। बताया कि विश्वनाथ धाम में स्थापित सभी मंदिरों में रोजाना शंखवादन होगा। इसके लिए 100-100 की संख्या में शंखवादक, शंखनाद करेंगे।