बता दें कि भारत सरकार रेल मंत्रालय डीरेका समेत रेलवे की सभी सातों उत्पादन इकाइयों को निगम बनाने के लिए सर्वे करा रही है। इसके खिलाफ मेंस कांग्रेस ऑफ डीएलडब्लू के तत्वाधान में डीरेका बचाओ संघर्ष समिति के साथ संयुक्त रूप से डीरेका प्रशासन भवन के सामने सुबह 10:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक धरना दिया।
धरने में डीरेका कारखाने एवं ऑफिस के सैकड़ों कर्मचारी कड़कड़ाती धूप एवं उमस के बीच धरना स्थल पर जमे रहे। कर्मचारी इतने उत्साहित एवं आंदोलित थे कि धरना के लिए बनाए गए मंच पर तिल रखने की जगह नहीं बची। इसके बाद कर्मचारी दरी बिछाकर जमीन पर वहीं बैठकर धरना में सम्मिलित हुए जो शाम 4:00 बजे तक चलता रहा। शाम 4:00 बजे कारखाने की छुट्टी होते ही हजारों की संख्या में कर्मचारी कारखाने के पूर्वी गेट पर हाथों में काले झंडे लेकर जुलूस के रूप में तब्दील हो गए। इसके बाद कर्मचारी सरकार विरोधी एवं निगमीकरण विरोधी नारे लगाते हुए प्रशासन भवन की ओर कूच कर गए प्रशासन भवन पहुंचते ही रैली सभा में तब्दील हो गई।
वक्ताओं ने कहा कि आप सभी को ज्ञात है कि वर्तमान सरकार द्वारा भारतीय रेल की डीरेका सहित सभी उत्पादन ईकाईयों के निगमीकरण करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है, उपरोक्त दुस्साहस पुर्व में भी कई बार तात्कालिक सरकार द्वारा किया जा चुका है। लेकिन रेल कर्मियों के संघर्ष के फल स्वरुप यह कुत्सित कोशिश सफल नहीं हुई। पूर्व की भांति आज पुनः निगमीकरण का विकराल दैत्य सामने मुंह फाड़े खड़ा है जिसका दुष्परिणाम हम सभी रेल कर्मचारियों को मालूम है ।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता बीसी शर्मा महासचिव यूआरएमयू एवं संयुक्त महासचिव एनएफआईआर के साथ एसपी श्रीवास्तव प्रदेश महासचिव इंटक, डॉक्टर सतीश चंद दीक्षित जिला महासचिव इंटक, रमेश मिश्रा जोनल सचिव पूर्वोत्तर रेलवे, विनोद राय महामंत्री पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ, रमेश सिंह जिला महासचिव इंटक चंदौली के साथ मेन्स कांग्रेस ऑफ डी एल डब्ल्यू के मीडिया प्रभारी जय प्रकाश सिंह सहित सभी सदस्य एवं डीरेका कर्मचारीगण मौजुद रहें।