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PATRIKA IMPACT- काशी के वायु प्रदूषण पर NGT का बड़ा एक्शन, इन विभागों को जारी किया नोटिस

locationवाराणसीPublished: Jan 18, 2018 04:43:46 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट, फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज, चीफ सेक्रेट्री यूपी, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव से लेकर नगर निगम तक को नोटिस।

काशी में वायु प्रदूषण

काशी में वायु प्रदूषण

डॉ. अजय कृष्ण चतुर्वेदी


वाराणसी. काशी की जहरीली होती आबोहवा पर आखिकार एऩजीटी ने संज्ञान लिया। इतना ही नहीं एनजीटी ने केंद्र सरकार से लेकर प्रदेश सरकार तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, वाराणसी विकास प्राधिकरण व नगर निगम तक को नोटिस सर्व कर दिया है। एनजीटी में वाराणसी के बद से बदतर वायु प्रदूषण पर 15 जनवरी 2018 को शिकायत की गई थी। बता दें कि वाराणसी के वायु प्रदूषण के खिलाफ पत्रिका ने मुहिम चला रखी है। पिछले दो साल से लगातार बिगड़ती आबो हवा पर खबरें लिखी गईं। जब दीवाली पर पूरे देश की निगाह केवल और केवल दिल्ली एनसीआर की तरफ थीं तब पत्रिका ने वाराणसी की आबो हवा में घुलते जहर का मुद्दा उठाया था। अक्टूबर से लेकर जनवरी तक के PM- 2.5 व PM-10 के अद्यतन आंकड़ों के साथ खबरें प्रसारित की गईं। वायु प्रदूषण से होने वाले खतरों और उससे फैलने वाली बीमारियों तक पर खबरें लिखी गईं। इसका नतीजा है कि एनजीटी ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और राष्ट्रीय स्तर से लेकर स्थानीय अफसरों को नोटिस जारी किया। इतना ही नहीं एनजीटी के नोटिस के बाद काशी के ग्रामीण इलाकों में उसका असर भी दिखने लगा है। वहां अब साफ-सफाई पर ध्यान दिया जाने लगा है, सफाईकर्मियों को जरूरत के मुताबिक उपकरण मुहैया कराए जाने लगे हैं। बता दें कि पत्रिका ने छह जनवरी तक के आंकड़ों के साथ सात जनवरी को खबर लिखी थी। उसके बाद ही यह शिकायत की गई है।
बता दें कि काशी की आबोहवा हालफिलहाल गड़बड़ हुई है। इसके लिए वर्षों लगे। लेकिन इसकी तरफ स्थानीय प्रशासन का ध्यान कभी नहीं गया। पत्रिका ने इस बात पर लगातार लिखा। प्रशासन को लगातार सचेत करने की कोशिश की गई। लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल सड़कों पर पानी छिड़कने और कूड़े में आग न लगाने की हिदायत दी जाती रही। यह दीगर है कि उस पर भी अमल नहीं हुआ। दीवाली के मौके पर जब सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगाई तो पत्रिका ने वाराणसी में यह मुद्दा उठाया। यहां तक लिखा गया कि छोटे से छोटे पर्व और उत्सव मनाने के लिए सबसे सस्ता उपाय आतिशबाजी हो गई है। लगन के मौसम में हर चार कदम पर बारतियों द्वारा सड़क घेर कर आतिशबाजी की जाती है जिससे वातावरण में काला धुआं उठता है जो और कुछ नहीं कार्बन है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। पत्रिका ने खुदे हुए पूरे शहर से उड़ती धूल को भी फोकस बनाया जिससे वायु प्रदूषण ज्यादा प्रभावित हो रहा है। लोगों के फेफड़ों में जहर घुल रहा है। इतना ही नहीं रोड साइड निर्माण का मुद्दा भी उठाया गया। लेकिन प्रशासन की नींद नहीं खुली।
पत्रिका की इस मुहिम में हर कदम पर सगयोगी रही केयर 4 एयर संस्था। केयर 4 एयर की संस्थापिका एकता शेखर की टीम ने पूरी शिद्दत के साथ बनारसी की खराब होती आबोहवा पर काम किया। बनारस से लखनऊ तक रैली निकाली। समय-समय पर जन जागरूकता अभियान चलाया। अभी 24 घंटे पहले ही इसी मुद्दे पर धर्म संसद तक आयोजित की। केयर 4 एयर ने पत्रिका को एक-एक दिन का रिकार्ड मुहैया कराने में भी सहयोग किया। पत्रिका की हर खबर को सोशल मीडिया पर शेयर किया।
आराजी लाइन में कुछ ऐसे आया बदलाव
वायु प्रदूषण का कहर केवल शहर तक सीमित नहीं रहा बल्कि गांव भी इससे प्रभावित हुए। ऐसे में जन अधिकार मंच के अनिल मौर्य ने एनजीटी में 15 जनवरी को शिकायत दर्ज कराई। यह जानकारी आराजीलाइन ब्लाक निवासी राजकुमार गु्त ने पत्रिका को दी। उन्होने बताया कि एनजीटी ने जन अधिकार मंच की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट, फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज, इंदिरा पर्यावरण भवन के सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार के चीफ सेक्रेट्री, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव, वाराणसी विकास प्राधिकरण और नगर निगम को नोटिस सर्व किया है। नोटिस में काशी की खराब होती आबोहवा पर नियंत्रण के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाने को कहा गया है।
आराजीलाइन ब्लाक में दिखने लगा बदलाव
राजकुमार ने पत्रिका को बताया कि इस नोटिस के बाद आराजीलाइन ब्लाक में काफी हद तक बदलाव दिखने लगा है। सफाईकर्मियों को न केवल यूनीफार्म मिल गए हैं बल्कि उन्हें साफ-सफाई के लिए आवश्यक उपकरण तक मुहैया करा दिए गए हैं। गांवों में सफाई होने लगी है। सार्वजनिक शौचालयों से निकलने वाली गंदगी को उठाने के लिए भी आवश्यक उपकरण मुहैया करा दिए गए हैं। यह एक बड़ी उपलब्धि है।
CPCB के तहत बनारस में वायु प्रदूषण की स्थिति

6 जनवरी 2018
Pm2.5 max- 356
min- 77
Avg- 208
PM10 max-321
Min-181
Avg-257

5 जनवरी 2018
Pm2.5 max- 500
min- 78
Avg- 220
PM10 max-494
Min-152
Avg-298
4 जनवरी 2018
Pm2.5 max- 500
min- 88
Avg- 267
PM10 max-500
Min-120
Avg-257

3 जनवरी 2018
Pm2.5 max- 451
min- 170
Avg- 310
PM10 max-475
Min-162
Avg-290

2 जनवरी 2018
Pm2.5 max- 400
min- 253
Avg- 319
PM10 max-500
Min-99
Avg-212
1 जनवरी 2018
Pm2.5 max-425
min- 335
Avg- 354
PM10 max-235
Min-131
Avg-160

13 दिसंबर-17-PM10-Avg-380, Max- 500
PM2.5-Avg- 392, Max-482

12 दिसंबर-17-PM10-Avg-429,Max- 500
PM2.5-Avg- 433. Max- 500

11 दिसंबर-17-PM10-Avg- 344, Max- 500
PM2.5-Avg-374, Max- 431

10 दिसंबर-17-PM10- Avg- 350, Max- 464
PM2.5-Avg- 376, Max- 476
04-दिसंबर-2017
PM10- Max: 457, Avg: 367
-PM2.4 Data Not available

03 दिसंबर 2017-PM10- Max: 471, Avg: 371
-PM2.5-Max: 500, Avg: 429

02-दिसंबर 2017-Data not available

01-दिसंबर 2017 –
PM10- Max: 464,Avg: 333
PM2.4-Data not available
10 नवंबर-17 Avg: 465-Max: 500 Avg: 478-Max: 500
8 नवंबर-17 449 395
7 नवंबर-17 446 395
6 नवंबर-17 422 490
4 नवंबर-17 294 428
2 नवंबर-17 196 240
30 अक्टूबर-17 359 315
29 अक्टूबर-17 319 348
28 अक्टूबर-17 418 354
27 अक्टूर-17 302 369
26 अक्टूबर-17 411 388
25 अक्टूबर-17 403 343
19 अक्टूबर-17 453 477
16 अक्टूबर-17 500 346
15 अक्टूबर-17 479 402
14 अक्टूबर-17 382 369
13 अक्टूबर-17 500 352
12 अक्टूबर17 489 309
11 अक्टूबर-17 445 140
10 अक्टूबर-17 500 188
6 अक्टूबर-17 153 257
5 अक्टूबर-17 131 207
4 अक्टूबर-17 153 257
3 अक्टूबर 131 207
2 अक्टूबर-17 144 220
1 अक्टूबर-17 158 193
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