scriptजानिये कौन हैं ‘निषाद’ जो बीजेपी के लिये बनी बड़ी चुनौती, इतनी लोकसभा सीटों पर हैं प्रभाव | Nishad party is big challenge for Bjp in Loksabha election 2019 | Patrika News

जानिये कौन हैं ‘निषाद’ जो बीजेपी के लिये बनी बड़ी चुनौती, इतनी लोकसभा सीटों पर हैं प्रभाव

locationवाराणसीPublished: Jan 01, 2019 05:29:27 pm

Submitted by:

Akhilesh Tripathi

गाजीपुर हिंसा के बाद एक बार फिर सुर्खियों में आई निषाद पार्टी, जानिये इनका इतिहास

nishad party

निषाद पार्टी

वाराणसी. गाजीपुर बवाल के बाद चर्चा में आई निषाद पार्टी आरक्षण की मांग को लेकर अपना आंदोलन कर रही हैं। निषादों ने बीजेपी सरकार के खिलाफ अपना मोर्चा खोल रखा है, ऐसे में 2019 चुनाव में यह बीजेपी के लिये बड़ी परेशानी बनने वाले हैं। निषादों का यूपी की 20 लोकसभा सीट और 100 विधानसभा सीटों पर प्रभाव है, ये ऐसी सीटें हैं, जिस पर 2014 के चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल की थी।
निषाद पार्टी का इतिहास

डॉक्टर संजय कुमार निषाद राष्ट्रीय निषाद पार्टी के संस्थापक हैं. साल 2016 में उन्होंने इस पार्टी की स्थापना की थी। ‘NISHAD’ पार्टी का पूरा नाम का ‘निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल’ था। निषादों में 15-16 उपजातियां शामिल हैं. जिसमें केवट, मल्लाह, बिन्द, कश्यप, धीमर, मांझी, कहार, राजभर, भर, प्रजापति, कुम्हार, मछुआ, तुरैहा, गौड़, बाथम, मझवार, किसान, लोध, महार, खरवार, गोडीया, रैकवार, सोरहीया, खुलवट, चाई, कोली, भोई, कीर, तोमर, भील, जलक्षत्री, धुरीया शामिल हैं। 2017 में निषाद सेना ने यूपी के 72 विधानसभा क्षेत्रों में अपने प्रत्याशी उतार दिए. पहले ही चुनाव में पार्टी ने एक विधायक के साथ खाता खोल दिया। 2017 में लोकसभा उपचुनाव में निषाद पार्टी ने गोरखपुर लोकसभा सीट पर कब्जा कर सुर्खियां बटोरी। इस सीट पर डॉक्टर संजय कुमार निषाद के बेटे प्रवीण निषाद ने सपा और बसपा के समर्थन से जीत हासिल की। 2017 विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी ने पीस पार्टी के साथ मिलकर प्रदेश की 80 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था। पार्टी को ज्ञानपुर सीट से जीत हासिल हुई थी जहां से विजय मिश्रा चुनाव जीते थे। इन समुदायों की मांग है कि उन्हें अनुसूचित जाति की जगह पिछ़ड़ी जाति के प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं जो कि हाईकोर्ट के आदेश उल्लंघन है और बीजेपी सरकार जान बुझकर उन्हें अपना हक नहीं दे रही है।
इन सीटों पर हैं निषादों का प्रभाव

गोरखपुर, भदोही, संत कबीर नगर, मऊ, बलिया और मिर्जापुर सहित करीब यूपी की 20 लोकसभा ऐसी सीटें हैं, जिन पर निषाद जातियों का खासा प्रभाव माना जाता है। इसके अलावा बिहार की कई सीटों पर भी यह गेम चेंजर की भूमिका में हैं।
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