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अखिलेश यादव के बयान के बाद पिछड़ा वर्ग एकजुट नाम बदलने के विरोध में लिया बड़ा फैसला

locationवाराणसीPublished: Nov 09, 2018 06:29:53 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

कहा, जनता बेरोजगारी से त्रस्त, योगी सरकार नाम बदलने में मस्त।

बनारस में अखिलेश यादव की सभा

बनारस में अखिलेश यादव की सभा

वाराणसी. यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव केबनारस में लखनऊ स्टेडियम सहित सूबे के जिलों के नाम बदलने की प्रदेश सरकार की राजनीति को आड़े हाथ लेते ही पिछड़ा वर्ग इस मुद्दे पर एकजुट हो गया है। आनन-फानन में पिछड़ा समाज महासभा ने जिलों का नाम बदलने की इस राजनीति की जमकर आलोचना की। एक स्वर में इसे मूलभूत समस्यओं से भटकाने की ओछी राजनीति बताया। महासभा ने इसके खिलाफ जन अभियान चलाने का ऐलान कर दिया।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव गुरुवार को बनारस में थे। यहां मीडिया से बातचीत में उन्होंने स्मारकों और जिलिों के नाम बदलने की राजनीति को आड़े हाथ लिया था। खास तौर पर लखनऊ स्टेडियम का नाम बदले जाने पर उन्होंने कहा था कि इतना ही था तो अटल जी के गांव में नया स्टेडियम बनवा देते। वाराणसी में ही नया स्टेडियम बनवा देते तो यहां भी अंतर्राष्ट्रीय मैच होते। खिलाड़ियों के बेहतर मैदान मिलता, अभ्यास के लिए। लेकिन नहीं, इस सरकार को खुद तो कुछ करना नहीं है, पूर्व की सरकारों ने जो किया है उसका नाम बदल कर अपना श्रेय लेना है। यह ओछी राजनीति का द्योतक है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की इस बेबाक टिप्पणी के बाद पिछड़ा समाज महासभा ने शुक्रवार को बैठक कर फैज़ाबाद और इलाहाबाद का नाम बदले जाने की मुखालफत की। वक्ताओं ने कहा कि नाम बदलने और मूर्तियों की राजनीति कर यह सरकार जनता के धन का दुरूपयोग कर रही है। जिलों के नाम बदलने में आने वाले खर्च से उद्योग, बेरोजगारी, शिक्षा एवं चिकित्सा जैसी मूलभूत जरूरतों को पूरा किया जा सकता था। पर सरकार का मानसिक दिवालियापन है कि वो जनता के धन का दुरूपयोग कर रही है। बड़े पैमाने पर गुजरात-महाराष्ट्र से यूपी और बिहारी के नाम पर लोगों को मारा पीटा जा रहा है और पलायन करने पर मजबूर किया जा रहा है। लेकिन सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है.
वक्ताओं ने कहा कि सरकार मनुवादी एजेंडे के तहत इलाहाबाद और फैज़ाबाद का नाम बदल कर चुनाव से पहले सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कर रही है। दीपोत्सव के नाम पर करोड़ो रूपए फूंकने वाली योगी सरकार बताए की प्रदेश में जो लोग भुखमरी से मर रहे हैं उनके लिए क्या किया? ऑक्सीजन और दवाओं के आभाव में जहां गरीबों की मौत हो रही हैं वहीं स्कूलों में अभी तक बच्चों को स्वेटर और जूते भी नहीं मुहैया हो पाए हैं।
समाज से जुड़े रोबिन वर्मा ने पत्रिका को बताया कि नाम बदलने की राजनीति के खिलाफ 11 नवंबर को लखनऊ स्थित राजनारायण के लोग कार्यालय में फैजाबाद, सुल्तानपुर, इलाहाबाद और आजमगढ़ के साथियों के साथ बैठक कर जनाभियान की रूपरेखा तय की जाएगी।
बैठक में रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब, पिछड़ा समाज महासभा संयोजक एहसानुल हक़ मलिक, डॉ एम डी खान, आल इण्डिया वर्कर्स कौंसिल के संयोजक ओपी सिन्हा, सृजनयोगी आदियोग, शकील कुरैशी, रोबिन वर्मा, बाकेलाल, सचेन्द्र प्रताप यादव, शिव नारायण कुशवाहा, उदयराज शर्मा, प्रणव प्रसाद और राजीव यादव शामिल रहे।

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