Disabled पहुंचे ब्लॉक मुख्यालय तो संबंधित अफसरों-कर्मचारियों को न पा कर रो पड़े पीडित-दूर-दूर से इस उम्मीद से आए थे दिव्यांग कि मिलेगा उपकरण-कई बुजुर्ग बैसाखी से पहुंचे थे तो कई माताएं मासूमों को लेकर आई थीं
आराजी लाइन ब्लॉक पर अफसरों का इंतजार करते दिव्यांगजन
वाराणसी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रिय Disabled के साथ उनके ही संसदीय क्षेत्र में ऐसी अनदेखी, ऐसी उपेक्षा कि रो पड़े दिव्यांग और उनके परिजन। मामला आराजी लाईन विकास खंड मुख्यालय का है। यहां शुक्रवार को दिव्यांगों को उपकरण वितरित करने के लिए बुलाया गया था। वो समय से पहुंचे, काई देर तक इंतजार किया। फिर भी महकमे का कोई अधिकारी-कर्मचारी नहीं मिला तो कई तो रो पड़े तो कुछ ने किया हंगामा। दिव्यांगों का कहना था कि जब उन्हें खुद गैरहाजिर रहना था तो बुलाया ही क्यों?
IMAGE CREDIT: पत्रिका विकास खंड में सहायक उपकरण वितरण संबंधित विभाग के नहीं आने के कारण दिव्यांगजनों को मायूस होकर अपने घर लौटना पड़ा। बतातें चलें कि दिव्यांगों को जिले से मिली सूचना के आधार पर शुक्रवार को ब्लाक मुख्यालय पर उपकरण वितरण के लिए बुलाया गया था। उपकरण पाने की ललक में कई किलोमीटर दूर, रूपापुर, बेनीपुर, खजुरी, मेहंदीगंज, दरेखू, नरसणा, भवानीपुर, कचनार, बीरभानपुर आदि गांव से सैकड़ों की संख्या में दिव्यांग अपना भाड़ा और किराया खर्च करते हुए ब्लाक मुख्यालय पहुंच गए। यहां उन्होंने काफी देर तक इंतजार किया, जब उन्हें पता चला कि शुक्रवार को सहायक उपकरणों के होने के बावजूद उपकरणों को सेटिंग नहीं होने की वजह से उपकरण नहीं दिया जाएगा तो वे न सिर्फ आक्रोशित हो गए बल्कि हंगामा मचाने लगे।
इस संबंध में जिला दिव्यांगज सशक्तिकरण अधिकारी राजेश मिश्रा से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। बीडोओ छुट्टी पर थे। ऐसे में जब एडीओ एसके प्रमोद कुमार पटेल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि शुक्रवार को जिले में कई ब्लाकों में उपकरण वितरण कार्यक्रम होने से ब्लॉक मुख्यालय पर वितरण कर्मी उपकरण सेटिंग नहीं कर पाए। ऐसे में कार्यक्रम अगले सूचना तक स्थगित कर दिया गया है। दिव्यांग जनो को पुनः बुलाकर सहायक उपकरण वितरित किया जाएगा।
इस संदर्भ में सामाजिक संगठन कस्तूरबा सेवा समिति के विनोद कुमार ने कहा दिव्यांग जनों को बेवजह परेशान करना उचित नहीं है। इन्हें इनके घरों तक सहायक उपकरण पहुंचाया जाए। जानकारी पर मौके पर पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता तो उन्होंने दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी राजेश मिश्रा को मैसेज व फोन करके इसकी सूचना दी। लेकिन किसी का जवाब नहीं मिला।