देर रात किसी समय बदमाश पहुंचे और रामजी की गला दबाकर हत्या करने के बाद फरार हो गए। गुरुवार सुबह छह बजे सोनू पंपिंग सेट पर पहुंचा, कमरे का दरवाजा खोलकर देखा तो रामजी मुंह तक चादर ओढ़कर लेटे हैं। जगाने के लिए देर तक आवाज देने पर भी नहीं उठे। जैसे ही चादर हटाया तो सन्न रह गया। रामजी के मुंह से खून निकला था और पास पड़ी थी खून से लथपथ तकिया। सोनू वहां से तेजी भागा और सीधे रामजी के घर पहुंचा और हत्या की जानकारी दी। परिवार के लोग शोर मचाते पंपिंग सेट की ओर दौड़ पड़े।
बतादें कि मृतक रामजी यादव के दो बेटे हैं रामकृपाल यादव बड़े हैं पिता से अलग रहते हैं।छोटे बेटे रामदयाल यादव पिता के साथ रहते थे दानों भाई शादी शुदा हैं। रामजी यादव के हत्या का कारण पुलिस तलाश रही है । पुलिस हत्या में किसी नजदीकी का हाथ होना ही मानकर चल रही है। हत्या के पीछे पैतृक जमीन की बिक्री व उसके मिले पैसे का बेटों में वितरण भी एक कारण माना जा रहा है । बड़ा बेटा जहां हमेशा बीमार रहता है वहीं छोटा बेटा नशे का आदी भी बताया जाता है। मृतक कुछ माह पूर्व ही रमना गांव की जमीन 17 विश्वा बेचा था । इसके पूर्व भी मृतक ने पैतृक जमीन बेची थी और धनराशि छोटे बेटे को दे दी थी । घटनास्थल पर तथाकथित जमीन के दलालों की मौजूदगी से कुछ और ही चर्चा हो रही थी ।
तहसीलदार सदर और थानाध्यक्ष ने चौबेपुर ने नहीं दिया जवाब
घटना के बारे में जब थानाध्यक्ष चौबेपुर मनोज कुमार और तहसीलदार सदर से रविशंकर से पूछा गया तो कुछ भी बोलने बताने से इनकार कर दिया। कहने लगे कि इसके लिए हम अधिकृत नहीं हैं । तहसीलदार सदर ने यह कहा कि मृतक परिवार वालों को देय वाली धनराशि जल्द दिलवाया जाएगा।