बतादें कि स्वाइन फ्लू से बचाव कार्य में रैपिड एक्शन टीम लगायी गई है। डॉक्टर-कर्मचारियों को लगा टीका निजी अस्पतालों में स्वाइन फ्लू के मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को बचाव का टीका लगा दिया गया है। मरीज के साथ उनके परिजनों को भी टैमी फ्लू की दवा दी जा रही है। इलाज के लिए पांच सरकारी और पांच निजी अस्पताल चिह्नित जिले में स्वाइन फ्लू के इलाज के लिए पांच सरकारी और पांच निजी अस्पतालों को शामिल किया गया है। इसमें मंडलीय, महिला अस्पताल, जिला, भेलूपुर, लालबहादुर शास्त्री रामनगर और निजी में गैलेक्सी, पॉपुलर, त्रिमूर्ति, एपेक्स व सिंह मेडिकल एवं रिसर्च सेंटर शामिल है।
सीएमओ ऑफिस की रिपोर्ट के अनुसार जिस मरीज की मौत हुई है उसका निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था, लेकिन वह अस्पताल चिह्नित अस्पतालों की सूची में शामिल नहीं है। सीएमओ ऑफिस के डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे निजी अस्पताल इसमें शामिल किये गये हैं जहां वेंटीलेटर की सुविधा हो, लेकिन चितईपुर स्थित उस अस्पताल में वेंटीलेटर नहीं था। जिस कारण मरीज की हालत बिगड़ने पर उसे समय पर उचित इलाज नहीं मिल सका। शहर में जांच की व्यवस्था नहीं स्वाइन फ्लू की जांच के लिए जिले में सुविधा नहीं होने से परेशानी हो रही है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि अगर जांच की सुविधा बीएचयू में होती तो चंद घंटों में रिपोर्ट मिल जाती और राहत कार्य किया जा सकता। लेकिन नमूना लेने और लखनऊ भेजने में एक दिन और जांच रिपोर्ट आने में लगभग एक से दो दिन का समय लग जाता है। लक्षण बुखार, गले में खराश, जुकाम,खांसी, सिर दर्द, बदन दर्द, जोड़ों में ऐंठन, ऊल्टी, बेहोशी और ठंड लगना। बचाव भीड़ वाली जगह से दूर रहे, खांसते-छींकते वक्त मुंह पर रूमाल रखें, मरीज को आइसोलेशन वार्ड में रखे, हाथ को अच्छी तरह साबुन से धोएं।
स्वाइन फ्लू के लक्षण
ऐसे लोग सर्दी खांसी को बहुत सामान्य बीमारी मानते हैं। लेकिन शायद आपको यह जानकारी हैरान कर सकती है कि सामान्य दिखने वाली सर्दी खांसी भी स्वाइन फ़्लू का कारण बन सकती है। यदि किसी व्यक्ति को सर्दी-खांसी है और उसके साथ उसे सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है या 101 डिग्री से ज़्यादा का बुखार है तो इसे बिल्कुल नज़रंदाज नहीं करना चाहिए। क्योंकि ये लक्षण स्वाइन फ़्लू के हो सकते हैं।
ऐसे लोग सर्दी खांसी को बहुत सामान्य बीमारी मानते हैं। लेकिन शायद आपको यह जानकारी हैरान कर सकती है कि सामान्य दिखने वाली सर्दी खांसी भी स्वाइन फ़्लू का कारण बन सकती है। यदि किसी व्यक्ति को सर्दी-खांसी है और उसके साथ उसे सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है या 101 डिग्री से ज़्यादा का बुखार है तो इसे बिल्कुल नज़रंदाज नहीं करना चाहिए। क्योंकि ये लक्षण स्वाइन फ़्लू के हो सकते हैं।