आपको बता दें कि जिस जगह पर ओएनजीसी के निर्देश पर ड्रिलिंग की जा रही है, वहां किसान की धान की भरी पूरी फसल खड़ी है। जिसे बर्बाद करके वहां ड्रिलिंग की जा रही है। तेल की खोज में लगे कंपनी के लोग किसी एक सुनिश्चित जगह पर ड्रिलिंग करने के बजाय खेत को जगह जगह से खोदकर वहां से तेल निकालने की कोशिश कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि कंपनी जिन खेतों में तेल की खोज में लगी में उस खेत के मालिक को मुआवजा दिया जायेगा लेकिन कितना मुआवजा दिया जायेगा यह अभी साफ नहीं है। कंपनी के अधिकारी इलाके में प्रशासन की अनुमति के बाद ही तेल की खोज पर जुटे जाने का दावा कर रहे है लेकिन जब प्रशासन से पूछा गया तो उन्होंने इससे साफ इंकार किया है।
ओएनजीसी की कथित कंसल्टेंट कम्पनी एसायन के कर्मचारी अनीस का दावा है कि इलाके में पेट्रो केमिकल का भंडार है। जमीन से पेट्रो केमिकल निकालने के लिए गंगा बेसिन के सेटेलाइट सर्वे के आधार पर ड्रिलिंग की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि कई इलाकों में निर्धारित 300 मीटर के दायरे में तेल न मिलने पर वह 60 मीटर दक्षिण की तरफ फिर से बोरिंग करा रहे है। इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन से अनुमति ली है।
BY- Sunil Sombanshi