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दुनिया के पहले ‘स्कूल ऑफ राम’ में अक्टूबर से शुरू होगी पढ़ाई, श्रीराम से जुड़ी इन बातों पर दी जाएगी जानकारी

locationवाराणसीPublished: Sep 21, 2021 11:47:07 am

Submitted by:

Karishma Lalwani

Online Classes will Start from First October in School of Ram- धर्म नगरी काशी में दुनिया का पहला ‘स्कूल ऑफ राम’ (School of Ram) खोला गया है। अक्टूबर से इस स्कूल में पढ़ाई शुरू हो जाएगी। इस स्कूल में भगवान राम के जीवन से जुड़ी जानकारियां विद्यार्थियों को दी जाएंगी।

Online Classes will Start from First October in School of Ram

Online Classes will Start from First October in School of Ram

वाराणसी. Online Classes will Start from First October in School of Ram. धर्म नगरी काशी में दुनिया का पहला ‘स्कूल ऑफ राम’ (School of Ram) खोला गया है। अक्टूबर से इस स्कूल में पढ़ाई शुरू हो जाएगी। इस स्कूल में भगवान राम के जीवन से जुड़ी जानकारियां विद्यार्थियों को दी जाएंगी। यह ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स होगा जिसके जरिये रामचरित मानस की घटनाओं में विज्ञान की मौजूदगी और नीति शास्‍त्र के अलावा निर्जीव विज्ञान, सजीव विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के बारे में भी छात्रों को जानकारी दी जाएगी। भगवान राम की जीवन गाथा को जानने व समझने के लिए कोई भी कोर्स में एडमिशन ले सकता है। इसकी पढ़ाई हफ्ते में दो दिन ऑनलाइन होगी। बता दें कि बीते मार्च महीने में अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय (International Hindi University) वर्धा के कुलपति प्रो. रजनीश शुक्‍ला (Rajnish Shukla) ने वाराणसी में ‘स्‍कूल ऑफ राम’ की स्‍थापना की थी।
रात 09 से 10:15 चलेगी क्लास

कोर्स की शुरुआत एक अक्टूबर से होगी। इसकी क्लास हफ्ते में दो दिन रात 09 से 10:15 तक चलेगी। बीएचयू वैदिक विज्ञान केंद्र के शोधार्थी रहे प्रिंस के मुताबिक, यूजीसी या संस्कृति मंत्रालय से सर्टिफिकेट कोर्स को शुरू करने के लिए अभी तक मान्यता नहीं मिली है (UGC Certificate)। हालांकि इसके लिए कोशिश की जा रही है।
इन बातों की जाएगी जानकारी

छात्रों को रामचरित मानस: ओसियन ऑफ साइंस नामक कोर्स में मार्यादा पुरुषोत्तम राम के जीवन सार के साथ रामचरित मानस में धनुष आणविक तकनीक, मानस के आधुनिक संदर्भ के साथ ही मनोविज्ञान, भाषा विज्ञान, योग विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, खगोलीय शास्त्र आदि पर धारणाओं को स्‍पष्‍ट किया जाएगा। इस कोर्स के शुरू होने के बाद देश ही नहीं बल्कि विदेशों के लोगों की रुची भगवान राम और रामचरित मानस को लेकर और ज्यादा बढ़ेगी।
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