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पाक नागरिक जलालुद्दीन 16 साल बाद जेल से हुआ रिहा, इस हिन्दू धर्म ग्रंथ ने बदल दी उसकी जिंदगी, साथ लेकर जा रहा पाकिस्तान

locationवाराणसीPublished: Nov 04, 2018 04:27:05 pm

Submitted by:

Sunil Yadav

सजा होने के बाद जब जेल पहुंचा तो था मैट्रिक पास, अब कर चुका है एमए

पाक नागरिक जलालुद्दीन 16 जेल की सजा काटने के बाद हुआ रिहा, इस हिन्दू धर्म ग्रंथ ने बदल दी उसकी जिंदगी, साथ लेकर गया पाकिस्तान

पाक नागरिक जलालुद्दीन 16 जेल की सजा काटने के बाद हुआ रिहा, इस हिन्दू धर्म ग्रंथ ने बदल दी उसकी जिंदगी, साथ लेकर गया पाकिस्तान

वाराणसी. कैंटोमेंट इलाके में सन 2001 में संदिग्ध दस्तावेजों के साथ गिरफ्तार पाकिस्तानी कैदी जलालुद्दीन रविवार को 16 साल सजा काटने के बाद वाराणसी सेंद्रल जेल से रिहाई मिल गई। इसके बाद स्पेशल टीम उसे लेकर बाघा बॉर्डर के लिए रवाना हो गई। जलालुद्दीन को बाघआ बॉर्डर के जरिए की उसके वतन पाकिस्ताना भेजा जाएगा। खास बात यह है कि वह अपने साथ श्रीमद्भगवद्गीता भी लेकर गया है, जिसे वह लंबे अर्से से जेल की तन्‍हाइयों में पढ़ा करता था। बताया जा रहा है कि श्रीमद्भगवद्गीता ने उसकी जिंदगी को पूरी तरह से बदल दिया है। जब वह सजा काटने जेल आया था तब मैट्रिक पास था। अब एमए की डिग्री लेकर जा रहा है।

वाराणसी सेंट्रल जेल, वरिष्‍ठ जेल अधीक्षक अम्‍बरीश गौड़ ने मीडिया को बताया कि पाकिस्तान सिंध प्रांत के ठट्ठी जिले के बिलालनगर कॉलोनी, थाना गरीबाबाद निवासी जलालुद्दीन उर्फ जलालु को 2001 को कैंटोमेंट एरिया के पास से संदिग्ध दस्तावेजों के साथ पुलिस ने पकड़ा था। जलालुद्दीन के पास से पास से आर्मी कैंप के अलावा कई महत्वपूर्ण जगहों के नक्शे भी बरामद हुए थे।
33 साल की हुई थी सजा, कोर्ट ने सजा घटा कर कर दी थी 16 साल

संदिग्ध मामले में कोर्ट ने जलालुद्दीन को 2003 में 33 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी, जलालुद्दीन को यह सजा अलग-अलग मामलों में हुई थी। इसके बाद उसने हाईकोर्ट में सारे मुकदमों को एक साथ कर सजा सुनाने की गुहार लगाई थी। जिसके बाद कोर्ट ने सुनवाई करते हुए जलालुद्दीन की सजा कम करके 16 साल कर दिया था। जब से वह जेल में बंद था। इसके बाद 14 अगस्त 2017 को जलालुद्दीन की रिहाई का आदेश सेंट्रल जेल प्रशासन को मिल गया था, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि नये सिरे से मुकदमों की सुनवाई के बाद जलालुद्दीन की जो 16 साल की सजा थी वह पूरी हो चुकी है, इसलिए उसे रिहा कर दिया जाए। लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद, गृह मंत्रालय से ट्रैवलिंग रिपोर्ट के इंतजार में जेल में ही रहना पड़ा। वहीं ट्रैवलिंग रिपोर्ट और कागजी कार्रवाई के बाद उसे आज जेल से रिहा कर स्पेशल टीम के साथ बाघा बार्डर के लिए रवाना कर दिया गया।
सजा हुई तो मैट्रिक पास था, अब MA कर चुका है, तनहाई में पढ़ा करता था श्रीमद्भगवद्गीता


वरिष्ठ जेल अधीक्षक अंबरीश गौड़ ने बताया कि जलालुद्दीन जब जेल में आया था तब सिर्फ हाईस्कूल पास था। यहां आने के बाद उसने इंटरमीडिएट, बीए और एमए की पढ़ाई पूरी की। साथ ही उसने इलेक्ट्रिशियन का कोर्स भी जेल के अंदर पूरा किया है। उन्होंने बताया जेल में सजा काटने के दौरान जलालुद्दीन में तमाम परिवर्तन देखने के मिला। तनहाई के समय जेल में श्रीमद्भगवद्गीता पढ़ा करता था। उन्होंने बताया इस पूरे प्रकरण में लंबी कवायद के बाद जलालुद्दीन को जेल से रिहा किया गया है। स्पेशल टीम उसे लेकर अमृतसर के लिए रवाना हो गई है, जहां उसे कल बाघा बॉर्डर पर छोड़ दिया जाएगा, जहां से वह 16 साल बाद अपने वतन और अपने परिवार के बीच वापस पहुंच जाएगा।
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