वाराणसी सेंट्रल जेल, वरिष्ठ जेल अधीक्षक अम्बरीश गौड़ ने मीडिया को बताया कि पाकिस्तान सिंध प्रांत के ठट्ठी जिले के बिलालनगर कॉलोनी, थाना गरीबाबाद निवासी जलालुद्दीन उर्फ जलालु को 2001 को कैंटोमेंट एरिया के पास से संदिग्ध दस्तावेजों के साथ पुलिस ने पकड़ा था। जलालुद्दीन के पास से पास से आर्मी कैंप के अलावा कई महत्वपूर्ण जगहों के नक्शे भी बरामद हुए थे।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक अंबरीश गौड़ ने बताया कि जलालुद्दीन जब जेल में आया था तब सिर्फ हाईस्कूल पास था। यहां आने के बाद उसने इंटरमीडिएट, बीए और एमए की पढ़ाई पूरी की। साथ ही उसने इलेक्ट्रिशियन का कोर्स भी जेल के अंदर पूरा किया है। उन्होंने बताया जेल में सजा काटने के दौरान जलालुद्दीन में तमाम परिवर्तन देखने के मिला। तनहाई के समय जेल में श्रीमद्भगवद्गीता पढ़ा करता था। उन्होंने बताया इस पूरे प्रकरण में लंबी कवायद के बाद जलालुद्दीन को जेल से रिहा किया गया है। स्पेशल टीम उसे लेकर अमृतसर के लिए रवाना हो गई है, जहां उसे कल बाघा बॉर्डर पर छोड़ दिया जाएगा, जहां से वह 16 साल बाद अपने वतन और अपने परिवार के बीच वापस पहुंच जाएगा।