scriptबीएचयू में पं. राजन मिश्र के नाम पर बना कोविड अस्पताल, बेटे ने कहा पूरा सिस्टम फेल, देश भी पिता के नाम कर दें तो भी क्या फायदा | pandit rajan mishra covid hospital opened in BHU | Patrika News

बीएचयू में पं. राजन मिश्र के नाम पर बना कोविड अस्पताल, बेटे ने कहा पूरा सिस्टम फेल, देश भी पिता के नाम कर दें तो भी क्या फायदा

locationवाराणसीPublished: May 12, 2021 09:44:29 am

Submitted by:

Karishma Lalwani

शास्त्रीय गायक पद्मभूषण पंडित राजन मिश्र की कोरोना से निधन के बाद BHU के एम्फीथियेटर मैदान में उनके नाम पर अस्थाई कोविड अस्पताल खोला गया है

Pandit Rajan Mishra Covid Hospital

Pandit Rajan Mishra Covid Hospital

वाराणसी. काशी घराने के शास्त्रीय गायक पद्मभूषण पंडित राजन मिश्र की कोरोना से निधन के बाद बीएचयू (BHU) के एम्फीथियेटर मैदान में उनके नाम पर अस्थाई कोविड अस्पताल खोला गया है। यह अस्पताल पं. राजन मिश्र कोविड अस्पताल के नाम से जाना जाएगा। वहीं, इस पर आपत्ति जताते हुए पं. राजन मिश्र के बेटे रितेश मिश्र ने सरकार को आड़े हाथ लिया है। उनका आरोप है कि जब पिता जिंदा थे तब उन्हें इलाज मिला नहीं और अब उनके नाम पर अस्पताल बना रहे हैं। देश भी पिता के नाम कर देंगे तो भी क्या फायदा, जिसे जाना था वह चला ही गया। उन्होंने मोदी व योगी सरकार से अपील की है कि जिन कोरोना पीड़ितों का इलाज चल रहा है उनकी जान बचाई जाए। देश में मंदिर-मस्जिद से ज्यादा अस्पताल बनना चाहिए।
पूरा सिस्टम फेल

रितेश मिश्र ने कहा कि उनके पिता ने वाराणसी का नाम दुनियाभर में रोशन किया, लेकिन उस चिराग को बचाने में पूरा तंत्र फेल हो गया। सरकार ने अगर अपनी तैयारी पहले ही दुरुस्त कर ली होती, तो उनके पिता की जान बचाई जा सकती थी। सरकार को जरूरत है कि बड़े-बड़े मंदिर और गुरुद्वारे बनवाने की जगह स्वास्थ्य विभाग को मजबूत किया जाए ताकि भविष्य की सुनामी से लोगों को बचाया जा सके। बता दें कि कोरोना संक्रमण के चलते 25 अप्रैल को पं. राजन मिश्र का निधन हो गया था। काफी प्रयास के बाद भी उन्हें वेंटिलेटर नहीं मिल सका। जब तक वेंटिलेटर की व्यवस्था हुई तब तक उन्होंने दम तोड़ दिया था।
पं. राजन मिश्र अस्पताल में फायर फाइटिंग सिस्टम

पं. राजन मिश्र कोविड हॉस्पिटल में हाइटेक फायर फाइटिंग की व्यवस्था की गई है। 10 जोन में 60 डिटेक्टर लगा है, जिससे आग लगने पर 30 सेकंड में कंट्रोल रूम में सूचना मिलेगी। जिससे समय पर आग पर काबू पाया जा सकेगा। हॉस्पिटल में आग पर काबू पाने के लिए डीआरडीओ की ओर 20 स्टाफ तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही अग्निशमन विभाग द्वारा एक ड्राइवर, एक लीडिंग फायरमैन और चार फायरमैन तैनात किए गए हैं।
https://www.dailymotion.com/embed/video/x817tt1
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो