बता दें कि आम यात्रियों की शिकायत हुआ करती रही कि प्लेटफार्म पर लगे रिजर्वेशन चार्ट अक्सर फट जाता है। ट्रेन की बोगियों पर लगे चार्ट भी फट जाते रहे। ऐसे में रेलवे ने यात्रियों से उनका मोबाइल नंबर लेना शुरू किया। कहा गया कि रिजर्वेशन के बाद डिटेल जानकारी मोबाइल पर एसएमएस के जरिए दी जाएगी। लेकिन वह मैसेज भी नहीं आ रहा है। कम से कम बनारस में तो ऐसा ही है।
ऐसे में यात्रियों के पास एक ही विकल्प है स्मार्ट फोन। लेकिन अभी भी बहुतेरे ऐसे यात्री हैं जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं है। ऐसे में अगर बनारस से चलने वाली ट्रेनों की बोगियों पर ही रिजर्वेशन चार्ट लगाया जाए तो भी यात्रियों की दिक्कत काफी हद तक दूर हो सकती है।
हालांकि अभी भी इंटरनेट यूजर्स के लिए काफी सहूलियत है। उन्हें 139 सेवा के मार्फत आरक्षित कोच में सीट की सूचना मिल रही है। लेकिन यह सेवा सशुल्क है। इस सेवा का इस्तेमाल करने वाले यात्री से रेलवे चार्ज वसूल करता है।
कैंट स्टेशन के निदेशक आनंद का कहना है कि कैंट स्टेशन के प्लेटफार्म व यहां से चलने वाली ट्रेनों की बोगियों पर ई-चार्ट लगाने की तैयारी है। इसका प्रपोजल भेजा गया है, रेलवे बोर्ड की हरी झंडी मिलते ही इस योजना को मूर्त रूप दे दिया जाएगा।
-वाराणसी से पीक सीजन में नियमित तौर पर एक लाख से अधिक लोग यात्रा करते हैं।
-कैट से मेट्रो शहरों के लिए ट्रेन उपलब्ध है
-आम तौर पर 70-80 हजार लोग रोजाना यहां से आते-जाते हैं
-250 मेल व एक्सप्रेस ट्रेन कैंट स्टेशन से हो कर गुजरती हैं
-40 ट्रेन कैंट स्टेशन से ही बन कर चलती हैं