रिदम मंच के सयोजक डॉ अनूप श्रमिक ने उन्हें ऐसी विभूति बताया जिन्होंने अपने जीवन, दर्शन तथा ज्ञान से हजारों हजार पीड़ितों को रोशनी दिखाने का काम किया। बच्चो को आजादी दिलाने का काम किया। उन्होंने स्वामी जी को महान मानवाधिकार कार्यकर्ता बताया।
साझा संस्कृति मंच की जागृति राही ने कहा की स्वामी जी ने अपने जीवन की ज्योति को जला कर दलित, उपेक्षित और कमजोर के जीवन को प्रकाशित किया। हजारों बच्चों के जीवन की रक्षा की। बेज़ुबान की आवाज बन कर उनके दुख-दर्द में सहभागी बने। उन्होंने देश मे चलने वाले तमाम आंदोलनों के साथी नेतृत्वकर्ता के रूप में समाज मे अपना योगदान दिया। नर्मदा आंदोलन, बन्धुआमुक्ति, सामाजिक सद्भाव और शांति के लिए उनके योगदान को भुलाया नही जा सकता।
जिला सर्वोदय मंडल की ओर से गोपाल पांडे ने कहा की स्वामी जी सनातन धर्म के रिफॉर्म के वास्तविक प्रतीक हैं। वो पूरे विश्व मे महर्षि दयानंद सरस्वती के मिशन तथा आर्य समाज के आंदोलन को पूरी दुनियां के शिखर तक ले गए।
जितेंद्र यादव ने कहा कि स्वामी जी के साथ बिहार और दिल्ली में देश की कट्टरपंथी ताकतों द्वारा किये गए मार पीट अपमान ,प्रताड़ना तथा हिंसा का भी उन्होंने जिस प्रकार विनम्रता पूर्वक अहिंसात्मक ढंग से प्रतिक्रिया दी वह उन्हें गांधी जी की विरासत का सच्चा सिपाही बनाता है। बीजेपी और संघ को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।
सभा मे श्री तारकेश्वर सिंह, अनूप, अतुल, श्यामू सुशोल सिंह, नद किशोर, आदि ने सर्व सेवा संघ परिसर एवम प्रकाशन की तरफ से कहा वे हम सब सामाजिक कार्यकर्ता के बंधु के समान सहायक, माता-पिता की तरह परोपकारी, गुरु के समान उपकारी तथा मित्र के समान स्नेही थे। हम सबके मार्गदर्शक गांधी जी के विचारों पर चलने वाले ऐसे वीर सन्यासी स्वामी अग्निवेश के निधन पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए हम सब एक साथ प्रण लेते हैं कि उनके वसुधैव कुटुम्बकम और कट्टरता जातीयता जैसी सामाजिक बुराईयों के खिलाफ सामाजिक परिवर्तन के महान उद्देश्यों के लिए जीवन पर्यंत लड़ते रहेंगे। कार्यक्रम में शामिल विनोद कुमार, संजय सिंह विजन संस्था, साझा संस्कृति मंच के कमलेश यादव आदि ने भी अपनी बातें कहीं।