इस मुद्दे पर स्वराज संस्था ने दुर्गाकुंड स्थित आनंद पार्क से रविंद्र पुरी स्थित संसदीय कार्यालय तक पैदल मार्च निकालकर विरोध दर्ज कराया। स्वराज संस्था के सचिव विकास चंद्र तिवारी मार्च का नेतृत्व कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए भले ही आदेश दे रहे हैं, यूपी में कानून बनाया जा रहा है लेकिन निजी स्कूलों पर उसका कोई प्रभाव नहीं है।
आलम यह है कि यूपी बोर्ड में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू कर दिया गया है। लेकिन यूपी बोर्ड के निजी स्कूलों में भी अब तक एनसीईआरटी की किताबों को अपने यहां लागू नहीं किया है। किताबों से लगायत स्कूल ड्रेस जूते-मोजे हर चीज में दुकानदारों से कमीशन सेट कर यह अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं और अभिभावकों का आर्थिक और मानसिक शोषण कर रहे हैं। परेशान अभिवावकों ने इस मुद्दे पर मुखर विरोध दर्ज करा कर अपनी पीड़ा जाहिर की। स्वराज संस्था ने प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय में ज्ञापन देकर स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने की मांग की। तिवारी का कहना था कि अगर सरकार की तरफ से प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो हम सभी अभिभावक आमरण अनशन पर बैठेंगे और जब तक हमारी मांग पूरी नहीं हो जाएगी तब तक इस आंदोलन को जारी रखेंगे।