यह परियोजना पहले से ही मेरठ से प्रयागराज तक ही थी बता दें कि यह परियोजना पहले से ही मेरठ से प्रयागराज तक ही थी। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले कार्यकाल के दौरान ये घोषणा की थी कि इस परियोजना को काशी तक लाया जाएगा। इसके पीछे सोच ये थी कि, हल्दिया-वाराणसी जल परिवहन और वाराणसी-सासाराम सिक्सलेन को इस गंगा एक्सप्रेस-वे को जोड़ कर इससे पूर्वांचल को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ साथ दिल्ली, हरियाणा, पंजाब तथा उत्तर भारत के अन्य राज्यों से सीधा जुड़ाव हो सके।
अब भी मेरठ से प्रयागराज तक का ही होगा गंगा एक्सप्रेस-वे अब ये बताया जा रहा है कि मेरठ से प्रयागराज तक लगभग 594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेस-वे तक ही निर्माण होगा। दरअसल पिछले कार्यकाल में जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस परियोजना को काशी तक लाने की घोषणा की तो इसके लिए सर्वे कराया गया। सर्वे की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण ( यूपीडा) को सौंपी गई। यूपीडा ने प्रयागराज से भदोही व मिर्जापुर होते वाराणसी के डाफी के समीप नेशनल हाइवे (एनएच-2) तक 140 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे के लिए गंगा से 6-10 किलोमीटर किनारे 60 से अधिक गांवों में सर्वे कराया गया। अब सर्वे करने वाली कंपनी ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है।
खर्च ज्यादा होने के कारण सरकार ने प्रयागराज से काशी को जोड़ने से हाथ खींच लिया है बताया जा रहा है कि सर्वे रिपोर्ट मिलने के बाद शासन ने प्रयागराज से काशी को तक के हिस्से को गंगा एक्सप्रेस-वे से अपना हात खींच लिया है। इससे मुख्यमंत्री को भी अवगत करा दिया गया है।
गंगा एक्सप्रेस-वे अब मेरठ से प्रयागराज तक ही बनेगा।- कौशल राज शर्मा कलेक्टर, वाराणसी