script

PM मोदी का काशी के जंगमबाड़ी मठ से नए भारत के निर्माण का ऐलान, मांगा सबसे सहयोग

locationवाराणसीPublished: Feb 16, 2020 12:59:29 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-जंगमबाड़ी मठ में श्री सिद्धांत शिखामणि ग्रंथ के 19 भाषाओं में अनुदित संस्करण तथा इस के मोबाईल ऐप का भी विमोचन किया

जंगमबाड़ी मठ में पीएम मोदी

जंगमबाड़ी मठ में पीएम मोदी

वाराणसी. PM मोदी का काशी के जंगमबाड़ी मठ से नए भारत के निर्माण का ऐलान, मांगा सबसे सहयोग। कहा कि देश सिर्फ सरकार से नहीं चलता। देश नागरिकों के संस्कारों से चलता है। स्वच्छ आचरण ही भारत का भविष्य तय करेगा। नए भारत का भविष्य तय करेगा। प्रधानमंत्री ने नए भारत के निर्माण में योगदान का संकल्प भी दिलाया।
यहां नरेंद्र मोदी ने जंगमबाड़ी मठ के श्री जगद्गुरु विश्वाराध्य गुरुकुल के शताब्दी समारोह के समापन समारोह में शामिल हुए। साथ ही श्री सिद्धांत शिखामणि ग्रंथ के 19 भाषाओं में अनुदित संस्करण तथा इस के मोबाईल ऐप का भी विमोचन किया। पीएम ने जंगमबाड़ी मठ स्थित जगद्गुरु विश्वराध्य की जीवंत समाधि का दर्शन भी किया। पीएम को मठ की ओर से स्मृति चिह्न, प्रशस्ति पत्र व शाल तथा विशेष माला समर्पित की गई।
काशी जंगमबाड़ी मठ में श्रीसिद्धान्त चिंतामणि ग्रन्थ के हिंदी संस्करण के लोकार्पण के बाद संतों व उनके अनुयायियों को संबोधित करते हुए देश में बनी वस्तुओं के प्रयोग का आह्वान भी किया। कहा कि भारतीय बुनकरों और शिल्पियों द्वारा निर्मित वस्तुओं का निर्माण करें। कहा कि इम्पोर्टेड ही बेहतर है की मानसिकता बदलनी होगी।
प्रधानमंत्री ने देश को सूखामुक्त और जलयुक्त बनाने का आह्वान भी किया। कहा कि यह भी केवल सरकार से संभव नहीं है। इसमें जनभागीदारी जरूरी है। बताया कि जिस तरह से पिछले पांच साल में जनभागीदारी से गंगा निर्मलीकरण में अभूतपूर्व सफलता मिली है वैसे अन्य कार्यों के लिए भी जनभागीदारी की जरूरत है। पीएम ने बताया कि गंगा में स्वच्छ जल जनभागीदारी से ही संभव हुआ। गंगा के आसपास रहने वालों ने जिस तरह से दायित्वबोध दिखाया वह बड़ा योगदान है। कहा कि नमामि गंगे के तहत 7000 करोड़ का काम पूरा हो गया है, अब 21000 करोड़ रुपये का काम जारी है।
उन्होंने कहा कि वीर शैव संतों का उपदेश प्रेरणादायक है। इनके संदेश से ही देश में बड़े-बड़े फैसले किए गए। मसलन अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ।
इस मौके पर उन्होंने गोस्वामी तुलसीदास का भी उल्लेख किया। साथ ही काशी की महानता का जिक्र भी किया। कहार कि वीर शैव परंपरा को आध्यात्मिकता से परिभाषित किया। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति व परंपरा बताती है कि किसी राष्ट्र का मतलब यह नहीं कि कब किसने कहां जीत हासिल की और कौन पराजित हुआ। इसी परंपरा को जन-जन तक पहुंचाने में वीर शैव परंपरा जुटी है। देश की भावी पीड़ी तक इसे पहुंचाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। दरअसल यह सभी देशवासियों का कर्तव्य है। कहा कि रेणुकाचार्य के उपदेश को जन-जन तक पहुंचाना ही मानवता की सेवा है।
बताया कि वीर शैव समुदाय, लिंगायत समुदाय ने शिक्षा और संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाया है। जंगमबाड़ी मठ तो लोगों को भावात्मक और मनोवैज्ञानिक रूप से सभी को जो़ड़ रहा है। कहा कि भारत सरकार भी यही कर रही है। हम चाहते हैं कि संस्कृत सहित सभी भाषाओं का विकास हो।

ट्रेंडिंग वीडियो