script30 मिनट का सफर अब 3 मिनट में, काशीवासियों को मिलेगी जाम से मुक्ति | PM Modi inaugurates Chaukghat flyover extension | Patrika News

30 मिनट का सफर अब 3 मिनट में, काशीवासियों को मिलेगी जाम से मुक्ति

locationवाराणसीPublished: Feb 16, 2020 04:44:23 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-171 करोड़ रुपये से तैयार हुआ है यह प्लाईओवर एक्सटेंशन-अब कैंट रेलवे स्टेशन के सामने लगने वाले जाम से मिलेगी मुक्ति-मायावती सरकार में निर्माण की हुई थी शुरूआत-2017 में अखिलेश यादव सरकार ने दी थी विस्तार को मंजूरी-यही है वह फ्लाइओवर जो ले चुका है 16 जान

चौकाघाट लहरतारा फ्लाईओवर

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डॉ अजय कृष्ण चतुर्वेदी

वाराणसी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (16 फरवरी 2020) को बहुप्रतीक्षित चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर एक्सटेंशन लोकार्पित किया। 171 करोड़ रुपये से तैयार हुआ है यह प्लाईओवर एक्सटेंशन। उम्मीद की जा रही है कि इस फ्लाईओवर एक्सटेशन के चालू होने के बाद कैंट रेलवे स्टेशन पर लगने वाले जाम की समस्या से राहगीरों को निजात मिल पाएगी। इतना ही नहीं चौकाघाट से लहरतारा जाने में जो अब तक 30 मिनट लगते थे अब 2-3 मिनट में सफर पूरा हो जाएगा।
दो-दो हादसों से कांप उठी थी काशी, गई थी 16 की जान

बता दें कि यह वही फ्लाईओवर एक्सटेंशन है जिसके निर्माण के दौरान दो बार हादसे हो चुके हैं। 16 लोगों की जान जा चुकी है। पहला हादसा 15 मई 2018 में हुआ था जब पिलर ही गिर पड़ा था जिसके मलबे में दबने से 16 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। उसके बाद 11 अक्टूबर 2019 में फिर एक हादसा हुआ। यह दीगर है कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई थी। हादसों में परियोजना प्रबंधक के खिलाफ FIR भी दर्ज हुई।
चौकाघाट लहरतारा फ्लाईओवर हादसा (फाइल फोटो)
IMAGE CREDIT: पत्रिका
मायावती शासन में शुरू हुआ था काम, होटल संचालकों के दबाव में अधूरा ही रह गया

बता दें कि चौकाघाट से लहरतार के बीच की ट्रैफिक समस्या के निराकरण के लिए मायावती सरकार में इस फ्लाईओवर का प्लान बना। लेकिन एक डीपीआर तैयार होने में काफी वक्त लगा। कारण कैंट रेलवे स्टेशन के सामने के दुकानदारों और खास तौर पर होटल संचालकों का विरोध रहा। होटल संचालकों और दुकानदारों का तर्क रहा कि फ्लाईओवर तैयार हो जाने के बाद उनका कारोबार चौपट हो जाएगा। लिहाजा व्यवसायियों के दबाव में यह फ्लाईओवर चौकाघाट से कैट रोडवेज डिपो तक ही बन सका।
अखिलेश सरकार ने दी विस्तार को मंजूरी, शुरू कराया काम

मायावती के शासनकाल में चौकाघाट फ्लाईओवर बना, लेकिन इसकी लैंडिंग रोडवेज डिपो के पास करा दी गई। यह गलती शहर को भीषण जाम की जद में ले आई, तब इसके विस्तार की बात शुरू हुई, जबकि यह काम पहले ही हो जाना चाहिए था। फिर 2012 में अखिलेश यादव के सत्ता में आते ही फ्लाईओवर के विस्तार पर मुहर लगी और बजट आवंटित किया गया। अखिलेश सरकार के दौरान भी कई बार इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बदली गई। बावजूद इसके अखिलेश सरकार में ही 1 अक्टूबर 2015 को चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर के विस्तारीकरण का शिलान्यास हुआ और फिर तेजी से निर्माण शुरू किया गया। लेकिन कमीशनबाजी और बंदरबांट के चक्कर में ब्रिज का निर्माण कछुआ गति से चला, इस बीच उनकी सरकार चली गई।
भाजपा शासन में काम आई तेजी लेकिन उठता रहा बदइंतजामी का मुद्दा

2017 में भाजपा सरकार ने आते ही तेजी दिखाई या यूं कहें कि 2019 के विजन के चक्कर में मानकों की अनदेखी का काम शुरू हुआ। पिछले एक साल में फ्लाईओवर को लेकर तमाम सवाल खड़े हुए। फ्लाईओवर के पिलर हिलने का मामला सामने आया, सर्विस लेन पर बदइंतजामी का मुद्दा उठा, लेकिन दावों और आश्वासनों में साल बीत गया। भ्रष्ट और धृष्ट प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंगी, चीज़ें नजरअंदाज होती रहीं। फ्लाईओवर के विस्तार पर कुल 77.41 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत हुआ और इसे हर हाल में दिसंबर 2017 में पूरा करना था, लेकिन सिर्फ 27 प्रतिशत काम ही हो पाया और फिर शासन ने इसकी मियाद बढ़ाकर मार्च 2018 कर दिया। काम में कुछ तेजी आई और यह 50 प्रतिशत के आंकड़े पर जा पहुंचा।
कई बार बदली लोकार्पण की मियाद

दरअसल 2017 में योगी सरकार आई तो इस पुल का काम जल्द पूरा करने के निर्देश जारी किए गएय़ फ्लाईओवर का निर्माण मार्च 2019 तक पूरा होना था, लेकिन अधिकारियों ने वाहनों के दबाव का हवाला देकर अक्टूबर 2019 तक काम को पूरा करने वक्त मांगा। लेकिन मई 2018 तक 63 में से 45 पिलर ही अब तक तैयार हो पाए थे। 1710 मीटर लंबे इस फ्लाईओवर का निर्माण 30 महीने में पूरा होना था, लेकिन लगातार लेटलतीफी, शासन-प्रशासन और कार्यदायी संस्था के बीच खींच तान के चक्कर में फ्लाईओवर एक्सटेंशन का काम लटकता गया।
अब पूरा हुआ सपना

लेकिन अब ये माना जा रहा है कि 2015 से शुरू चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर के निर्माण कार्य पूरा हो जाने और पीएम द्वारा लोकार्पण के बाद राहगीरों को काफी राहत मिलेगी। कैंट रेलवे स्टेशन के सामने लगने वाले जाम से मुक्ति मिलेगी। रोडवेज की बसें और अन्य भारी वाहन इस फ्लाईओवर एक्सटेंशन निर्माण के चलते शहर के बीच आते थे वो नहीं आएंगे तो शहर को भी जाम से मुक्ति मिलेगी।
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