जहां गये वहीं के हो गये मोदी
नरेन्द्र मोदी गुजरात से दिल्ली की तरफ बढ़े तो उनका नाम पूरे देश में चर्चा में आया। गुजरात मॅाडल और विकास के नये-नये सपने बुनकर मोदी ने हर किसी का भरोसा जीता। केन्द्र में 282 सीटें जीत भाजपा सत्ता पर काबिज हुई। फिर क्या था मोदी ने पूरे देश में अपनी पार्टी की जड़े मजबूत करने में जुट गये। गुजरात के नेता होने के नाते गुजरातियों को साधा तो महाराष्ट्र और गुजरात का पुराना रिश्ता बताकर इस राज्य को भी खुद से जोड़ा। उत्तराखंड हिमांचल को अपनी तपोस्थली बताकर लोगों के मन में उतरे तो, एमपी राजस्थान से अपने पुराने रिश्ते जताकर लोगों को अपना बनाया।
असम, त्रिपुरा में अपने चाय बेचने के मुद्दे को उठाया तो यूपी को अपना दूसरा घर कहकर देश के हर राज्य में अपनेपन का अहसास कराया। नरेन्द्र मोदी जिस भी जगह गये वहां की बोली भाषा, रहन सहन बात व्यवहार से लोगों में उतरने की कोशिश की यही वजह रही कि मोदी को आम जनता का पूरा साथ मिला। मोदी में देश की बड़ी आबादी अपना नेता देखी परिणाम ये रहा कि मोदी के नाम पर ही भाजपा को हर चुनाव में अपार सफलता मिली।
यूपी से ऐसे खत्म किया माया-अखिलेश का वर्चस्व
केन्द्र की सत्ता पर काबिज होने के बाद पूरी भाजपा के मन में ये बात था कि कैसे भी कर कि यूपी के सिंहासन पर बैठा जाये। लेकिन क्षेत्रीय दलों की मजबूती, अखिलेश यादव की लोकप्रियता और माया का अनुशासन की वजह से भाजपा के सामने कोई राह दिख नहीं रहा था। इधर चुनावी समय में दोनों दलों ने मोदी को बाहरी बताकर जनता से यूपी के नाम पर वोट करने को कहा।
फिर क्या था मोदी ने जवाब में पीएम मोदी यूपी की एक रैली में कहा, मैं यूपी से सांसद बना और यहां पर मिली जीत से देश को स्थाई सरकार मिली और गरीब मां का बेटा पीएम बना। उन्होंने कहा कि यूपी ने मुझे गोद लिया है। यूपी मेरा माईबाप है। मैं माईबाप को नहीं छोडूंगा। मैं भले ही गोद लिया हूं। लेकिन यूपी की चिंता है मुझे बहुत ज्यादा है। उन्होने कहा कि यहां की स्थिति बदलना मेरा कर्तव्य है। इस कर्तव्य को निभाने के लिए मुझे लोगों का आशीर्वाद चाहिए। पीएम मोदी के इस भाषण का इतना असर हुआ कि यहां की जनता ने भाजपा को ऐतिहासिक जीत दिया। विधानसभा के बाद लोकसभा में भी मोदी को लोगों ने खुलकर आशीर्वाद दिया।
नरेन्द्र मोदी गुजरात से दिल्ली की तरफ बढ़े तो उनका नाम पूरे देश में चर्चा में आया। गुजरात मॅाडल और विकास के नये-नये सपने बुनकर मोदी ने हर किसी का भरोसा जीता। केन्द्र में 282 सीटें जीत भाजपा सत्ता पर काबिज हुई। फिर क्या था मोदी ने पूरे देश में अपनी पार्टी की जड़े मजबूत करने में जुट गये। गुजरात के नेता होने के नाते गुजरातियों को साधा तो महाराष्ट्र और गुजरात का पुराना रिश्ता बताकर इस राज्य को भी खुद से जोड़ा। उत्तराखंड हिमांचल को अपनी तपोस्थली बताकर लोगों के मन में उतरे तो, एमपी राजस्थान से अपने पुराने रिश्ते जताकर लोगों को अपना बनाया।
असम, त्रिपुरा में अपने चाय बेचने के मुद्दे को उठाया तो यूपी को अपना दूसरा घर कहकर देश के हर राज्य में अपनेपन का अहसास कराया। नरेन्द्र मोदी जिस भी जगह गये वहां की बोली भाषा, रहन सहन बात व्यवहार से लोगों में उतरने की कोशिश की यही वजह रही कि मोदी को आम जनता का पूरा साथ मिला। मोदी में देश की बड़ी आबादी अपना नेता देखी परिणाम ये रहा कि मोदी के नाम पर ही भाजपा को हर चुनाव में अपार सफलता मिली।
यूपी से ऐसे खत्म किया माया-अखिलेश का वर्चस्व
केन्द्र की सत्ता पर काबिज होने के बाद पूरी भाजपा के मन में ये बात था कि कैसे भी कर कि यूपी के सिंहासन पर बैठा जाये। लेकिन क्षेत्रीय दलों की मजबूती, अखिलेश यादव की लोकप्रियता और माया का अनुशासन की वजह से भाजपा के सामने कोई राह दिख नहीं रहा था। इधर चुनावी समय में दोनों दलों ने मोदी को बाहरी बताकर जनता से यूपी के नाम पर वोट करने को कहा।
फिर क्या था मोदी ने जवाब में पीएम मोदी यूपी की एक रैली में कहा, मैं यूपी से सांसद बना और यहां पर मिली जीत से देश को स्थाई सरकार मिली और गरीब मां का बेटा पीएम बना। उन्होंने कहा कि यूपी ने मुझे गोद लिया है। यूपी मेरा माईबाप है। मैं माईबाप को नहीं छोडूंगा। मैं भले ही गोद लिया हूं। लेकिन यूपी की चिंता है मुझे बहुत ज्यादा है। उन्होने कहा कि यहां की स्थिति बदलना मेरा कर्तव्य है। इस कर्तव्य को निभाने के लिए मुझे लोगों का आशीर्वाद चाहिए। पीएम मोदी के इस भाषण का इतना असर हुआ कि यहां की जनता ने भाजपा को ऐतिहासिक जीत दिया। विधानसभा के बाद लोकसभा में भी मोदी को लोगों ने खुलकर आशीर्वाद दिया।