पिता की मौत पहले ही चुकी थी, कोरोना संक्रमण से मां भी नहीं रहीं इस मौके पर केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय और कलेक्टर कौशल राज शर्मा ने पांडेयपुर की शिवानी को पीएम केयर फॉर चिल्ड्रेन योजना का किट सौंपा। कुशीनगर की मूल निवासी शिवानी बीकॉम की छात्रा है। उसके पिता की मृत्य सड़क हादसे में 10 वर्ष पूर्व हो चुकी थी। कोरोना संक्रमण के चलते मां का भी निधन हो गया। शिवानी तीन बहनें हैं।
संकल्प के साथ आगे बढ़ने और सपने पूरे करने का आह्वान इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऐसे बच्चों को माता-पिता की कमी महसूस ना हो इसी उद्देश्य से केंद्र व प्रदेश की सरकारों ने उनके लिए कई योजनाएं लागू की हैं। बच्चों की शिक्षा, उनकी देखभाल के लिए सरकार ने अलग-अलग योजना लागू की है। उन्होंने बच्चों को संकल्प दिलाया कि वो हिम्मत के आगे बढ़े और उस माता पिता ने जो सपना देखा था उनके लिए उसे पूरा करने क सतत प्रयास जारी रखें। कहा कि तय है कि आपको सभी को वो मुकाम जरूर हासिल होगा। उन्होंने बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना भी की। कार्यक्रम में जिले के 8 ऐसे बच्चे भी पहुंचे थे जिनके माता-पिता दोनों कोरोना के चलते नहीं रहे।
पीएम नहीं परिवार के सदस्य के रूप में मिल रहा इस दौरान पीएम ने बच्चों को संबोधित करते हुए मार्मिक अपील की, कि आज मैं प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं, आपके परिवार के एक सदस्य के तौर पर आपसे बात कर रहा हूं। आज आप सभी बच्चों के बीच आकर मुझे बहुत सुकून मिला है। जीवन हमें कई बार अप्रत्याशित मोड़ पर लाकर खड़ा कर देता है। ऐसी परिस्थितियां जिनकी हमने कल्पना भी नहीं की होती हैं, हंसते-खेलते अचानक अंधेरा छा जाता है। कोरोना ने अनेकों लोगों के जीवन में, अनेकों परिवार के साथ ऐसा ही कुछ किया है। मैं जानता हूं, कोरोना की वजह से जिन्होंने अपनों को खोया है, उनके जीवन में आया ये बदलाव कितना कठिन है।
पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेंस कोरोना प्रभावित बच्चों की मुश्किलें कम करने का एक छोटा सा प्रयास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आगे कहा कि जो चला जाता है, उसकी हमारे पास सिर्फ चंद यादें ही रहा जाती हैं, लेकिन जो रहा जाता है, उसके सामने चुनौतियां का अंबार लग जाता है। ऐसी चुनौतियों में पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन्स आप सभी ऐसे कोरोना प्रभावित बच्चों की मुश्किलें कम करने का एक छोटा सा प्रयास है। पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन इस बात का प्रमाण है कि हर देशवासी पूरी संवेदनशीलता से आपके साथ है। मुझे संतोष है कि बच्चों की अच्छी पढ़ाई के लिए उनके घर के पास ही सरकारी या प्राइवेट स्कूलों में उनका दाखिला कराया जा चुका है। उन्होंने कहा कि अगर किसी को प्रॉफेशनल कोर्स के लिए, हायर एजुकेशन के लिए एजुकेशन लोन चाहिए होगा, तो पीएम केयर्स उसमें भी मदद करेगा। रोजमर्रा की दूसरी जरूरतों के लिए अन्य योजनाओं के माध्यम से उनके लिए 4 हजार रुपए हर महीने की व्यवस्था भी की गई है। ऐसे बच्चे जब अपने स्कूल की पढ़ाई पूरी करेंगे, तो आगे भविष्य के सपनों के लिए और भी पैसों की जरूरत होगी। इसके लिए 18-23 साल के युवाओं को हर महीने स्टाइपेंड मिलेगा और जब आप 23 साल के होंगे तब 10 लाख रुपये आपको एक साथ मिलेंगे।