अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रधानमंत्री ने ट्रेड फेसिलिटी सेंटर में मौजूद महिलाओं के श्रम को नमन किया। कहा कि ये वो महिलाएं है जिन्होंने ग्रामीण जीवन को आमूलचूल बदल दिया। अभी दो बहनें मिली थीं उनके आत्मविश्वास को देख मैं तो दंग रह गया अब वो वक्त आ गया है कि महिलाएं जो चाह लें वो कर सकती हैं। बताया कि हमारी सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। चाहे वह महिलाओं की सुरक्षा का सवाल हो या स्वास्थ्य का। हर बिंदु पर हमने नई नई योजनाएं लागू कर दी हैं। इसके तहत उन्होंने गैस कनेक्शन, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ,घरों में शौचालय निर्माण का जिक्र किया। साथ ही बताया कि केंद्र सरकार की आवास योजना में भी ऐसी व्यवस्था की गई है कि घर की महिला मुखिया के नाम ही रजिस्ट्री होगी। यही नहीं अब तो खनन में भी महिलाओं के नाम पट्टा होगा। घरेलू और कृषि योग्य जमीन की रजिस्ट्री भी महिलाओं के नाम होगी।
ये भी पढ़ें- विश्वनाथ कॉरिडोर की आधाशिला रख, बोले पीएम मोदी मुझे ऐसे ही कामों के लिए भेजा गया था उन्होंने बताया कि हम तो ऐसा कानून लाना चाहते हैं कि विदेश जाने वाली महिलाएं भी सुरक्षित रहें, कोई उनके साथ धोखाधड़ी न कर सके। यह कहते उन्होंने विपक्ष को निशाने पर लिया और कहा कि कई अच्छे कानून तो राजनीति की भेंट चढ़ जाते हैं।
बताया कि पहले मातृत्व अवकाश के रूप में महज 12 हफ्ते मिला करते थे, अब हमारी सरकार ने इसे 26 हफ्ते कर दिया है। यानी आधा वर्ष तक महिलाएं अपने नवजात शिशु का पालन पोषण कर सकती हैं और उनकी नौकरी भी नहीं जाएगी। यही नहीं दफ्तरों में भी छोटे बच्चों को रखने की व्यवस्था की गई है।
बताया कि पहले मातृत्व अवकाश के रूप में महज 12 हफ्ते मिला करते थे, अब हमारी सरकार ने इसे 26 हफ्ते कर दिया है। यानी आधा वर्ष तक महिलाएं अपने नवजात शिशु का पालन पोषण कर सकती हैं और उनकी नौकरी भी नहीं जाएगी। यही नहीं दफ्तरों में भी छोटे बच्चों को रखने की व्यवस्था की गई है।
ये भी पढ़ें- विश्वनाथ मंदिर परिसर में भी मोदी का कांग्रेस का हमला, कहा 70 साल में किसी ने बाबा की चिंता न की प्रधानमंत्री ने महिलाओं से पूछा क्या उन्हें अपनी सेना पर गर्व नहीं होता। क्या आप अपनी बेटी को सेना में नहीं भेजना चाहेंगी। बताया कि हमारी सरकार की कोशिश है कि सेना में बेटियों को कमीशन मिले। पीएम ने हर महिला से घर, गांव के साथ देश की समृद्धि में योगदान की अपील की।
पीएम ने देश भर में महिला स्वयं समूहों को समृद्ध करने पर जोर करते हुए कहा कि अब तक देश के 600 जिलों के छह करोड़ बहने स्वयं सहायता ग्रुप से जुड़ चुकी हैं। हमारी कोशिश है कि आगामी 05-06 साल में 08-10 करोड महिलाओं को ग्रुप से जोड़ा जाए।
उन्होंने महिलाओं से 2022 तक देश को गरीबी मुक्त करने में सहयोग करने का आह्वान किया। उन्होंने कूड़ा कचरा का बेहतर उपयोग करने की सलाह दी और कहा कि वेस्ट से बेस्ट निकालें। उन्होंने बुढ़ापे में स्वाभिमान से जीने के लिए हर महीने 3000 रुपये पेंशन मुहैया कराने की योजना की जानकारी भी दी।
उन्होंने महिलाओं से 2022 तक देश को गरीबी मुक्त करने में सहयोग करने का आह्वान किया। उन्होंने कूड़ा कचरा का बेहतर उपयोग करने की सलाह दी और कहा कि वेस्ट से बेस्ट निकालें। उन्होंने बुढ़ापे में स्वाभिमान से जीने के लिए हर महीने 3000 रुपये पेंशन मुहैया कराने की योजना की जानकारी भी दी।