संत रविदास मंदिर से पंजाब व हरियाणा की राजनीति साधी जा सकती है। वर्ष 2016 में पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी यहां पर आये थे। मंदिर में दर्शन करने का लाभ हुआ था कि पंजाब में हुए चुनाव में आप पार्टी के लिए जमीन तैयार हुई थी। बीजेपी भी मंदिर से निकलने वाले सियासी मार्ग को जानती है इसलिए पीएम नरेन्द्र मोदी ने फिर से मंदिर आने की तैयारी की है। पीएम नरेन्द्र मोदी दर्शन व लंगर में प्रसाद छकने के साथ श्रद्धालुओं को संबोधित भी करने वाले है। पीएम नरेन्द्र मोदी दर्शन पॉलिटिक्स से बड़ा संदेश देने का प्रयास करेंगे। लोकसभा चुनाव 2019 में अधिक दिन नहीं बचे हैं। पुलवामा हमले के बाद से केन्द्र सरकार पर पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का दबाव बढ़ता जा रहा है। ऐसे में पीएम नरेन्द्र मोदी का बनारस दौरा दोनों ही लिहाज से बेहद खास माना जा रहा है।
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देश-विदेश तक फैले हुए हैं संत रविदास के अनुयायी
संत रदिवास के अनुदयायी देश से लेकर विदेश तक में फैले हुए हैं। मंदिर में अधिकांश माघ पूर्णिमा के पहले से ही एकत्रित होने लगते हैं। ऐसे में पीएम नरेन्द्र मोदी के पास चुनावी समीकरण साधने का बड़ा मौका मिला है। पीएम नरेन्द्र मोदी के पांच घंटे के प्रवास के दौरान विकास कार्यों का लोकार्पण व मंदिर में दर्शन का कार्यक्रम निर्धारित है। साफ हो जाता है कि पीएम मोदी एक तीर से दो निशाना साधने वाले हैं। विकास योजनाओं का लोकार्पण कर न्यू इंडिया में बनारस के महत्व को बतायेंगे। साथ ही मंदिर जाकर पंजाब व हरियाणा में रहने वाले संत रविदास के अनुयायियों को संदेश देकर बीजेपी को मजबूत करने का प्रयास करेंगे।
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संत रदिवास के अनुदयायी देश से लेकर विदेश तक में फैले हुए हैं। मंदिर में अधिकांश माघ पूर्णिमा के पहले से ही एकत्रित होने लगते हैं। ऐसे में पीएम नरेन्द्र मोदी के पास चुनावी समीकरण साधने का बड़ा मौका मिला है। पीएम नरेन्द्र मोदी के पांच घंटे के प्रवास के दौरान विकास कार्यों का लोकार्पण व मंदिर में दर्शन का कार्यक्रम निर्धारित है। साफ हो जाता है कि पीएम मोदी एक तीर से दो निशाना साधने वाले हैं। विकास योजनाओं का लोकार्पण कर न्यू इंडिया में बनारस के महत्व को बतायेंगे। साथ ही मंदिर जाकर पंजाब व हरियाणा में रहने वाले संत रविदास के अनुयायियों को संदेश देकर बीजेपी को मजबूत करने का प्रयास करेंगे।
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