बता दें कि बीएचयू में पिछले तीन साल से लगातार किसी न किसी मसले पर हंगामा होता रहा है। कभी हास्पिटल में साइकिल या बाइक रखने के नाम पर तो कभी बुनियादी सुविधाओं को लेकर। लेकिन शुक्रवार को एक नए मामले ने विश्वविद्यालय की सारी व्यवस्थाओं को तार-तार कर दिया। शुक्रवार को रैगिंग की घटना को लेकर दो छात्र गुटों में जमकर हंगाम हुआ। जमकर पथराव किया गया। पेट्रोल बम फेके गए। सूचना पर शहर के लगभग सारे थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई। बावजूद इसके विश्वविद्यालय परिसर अशांत बना रहा। माहौल को काबू में करने के लिए पुलिस काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।
विश्वविद्यालय में दाखिले से लेकर उसके बाद तक की तमाम कवायदों के बावजूद बीएचयू में रैगिंग की घटना का सामने आना चौंकाने वाला है। शुक्रवार को जिसने भी विश्वविद्यालय में रैगिंग की बात सुनी अचरज में पड़ गया। हुआ यूं कि कला संकाय में शुक्रवार को बहन के साथ हुई रैगिंग से गुस्साए उसके भाई और भाई के साथियों ने जमकर उत्पात मचाया। रैगिंग लेने वाले छात्र की क्लास में घुसकर पिटाई की। लेकिन दूसरा पक्ष भी कहीं से कमतर नहीं रहा। उसने भी पूरी तैयारी के साथ इस मोर्चा संभाल लिया। दोनों पक्षों में जमकर लात-घूंसे चले। दोपहर की इस घटना ने शाम होते होते विकराल रूप धारण कर लिया। देर शाम भी छात्रों के दोनों गुट एक बार फिर भिड़ गए। बिड़ला हॉस्टल और लाल बहादुर शास्त्री हॉस्टल के छात्रों में जमकर पत्थरबाजी हुई। मौके पर मौजूद प्रॉक्टोरियल बोर्ड और पुलिस के जवानों ने किसी तरह मामला शांत कराया। घटना के विरोध में कुछ छात्र बिड़ला चौराहे पर धरने पर बैठ गए। बता दें कि विश्वविद्यालय में इसी साल से कला और समाज विज्ञान संकाय में सह शिक्षा शुरू हुई है। जानकारी के मुताबिक कला संकाय में पढ़ने वाली एक छात्र का बीए सेकेंड ईयर में पढ़ने वाले कुछ छात्र रैगिंग कर रहे थे। छात्रा ने इस बात की सूचना थर्ड ईयर में पढ़ने वाले अपने भाई को दे दी। बताया जा रहा है कि छात्रा का भाई अपने कुछ साथियों के साथ मौके पर पहुंचा और मारपीट शुरू कर दी। रैगिंग करने के आरोपी सेकेंड ईयर के दो छात्रों को पकड़ा गया। चीफ प्रॉक्टर ओएन सिंह ने शुक्रवार को दो लोगों के पकड़े जाने की पुष्टि की थी। उन्होंने बताया था कि इस मामले को और दोनों छात्रों की शिकायत एंटी रैगिंग सेल के पास भेज दी गई है।