अंगदान की भी जता चुकी हैं इच्छा डॉ. प्रतिभा गर्ग सरकार के सामने अपने अंगदान की भी इच्छा जाहिर की है। उन्होंने बताया कि जब उनका शरीर साथ छोड़ दे और दैनिक कार्य भी दूसरे लोगों को करने पड़े तब उन्हें इच्छा मृत्यु देकर उनके अंगों को जरूरतमंद लोगों के उपयोग में ले लिया जाए। डॉ. गर्ग पिछले 40 सालों से पाली में अपनी सेवाएं दे रही हैं। वे प्रतिदिन 6 घंटे बांगड़ अस्पताल में निशुल्क सेवाएं भी दे रही हंै। इसके अलावा अपने नर्सिंग होम पर भी गरीब लोगों को निशुल्क सेवाएं देती हैं।
मेडिकल स्टूडेंट को आती है समस्या डॉ. गर्ग ने देहदान के पीछे मेडिकल स्टूडेंट की परेशानी का जिर्क किया। उन्होनें बताया कि जब वह मेडिकल स्टूडेंट थी उस समय शव नहीं मिलने से प्रेक्टिकल में काफी समस्या होती थी। प्रेक्टिकल के लिए स्टूडेंट को काफी इंतजार करना पड़ता था। उसके बाद भी सही तरह से प्रेक्टिकल नहीं कर पाते थे। मेडिकल कॉलेज में स्टूडेंट की इसी परेशानी को लेकर उन्होंने पर भी अपने देहदान की घोषणा की।