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एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि आरोपी सुजीत उर्फ गोलू का मृतक फार्मासिस्ट के यहां पर जाना था। चचेरा नाना लगने के कारण फार्मासिस्ट प्रेमचन्द्र के घर की सारी जानकारी सुजीत के पास थी। सुजीत को शराब पीने व जुआ खेलने की लत थी। जब उसके पास पैसा नहीं होता था तो वह छोटी चोरी करके काम चलाता था। सुजीत को जानकारी हुई कि उसके चचेरे मामा सुनील अपने परिवार के साथ मुम्बई गये हैं। नानी दो माह पहले ही म ुम्बई जा चुकी है। घर पर नाना प्रेमचन्द्र अकेले रहते हैं और खाना खाने चाचा के यहां पर आता थे। हम लोगों ने पैसे के लिए नाना की हत्या करने की योजना बनायी। ३१ दिसम्बर की रात में हम लोग पहले शराब पीये और फिर पीछे के दरवाजे से नाना के घर गये। नये साल के जश्र के चलते बगल के घर में डीजे बज रहा था। मैने आवाज देकर नाना से उनका घर खुलवाया और कहा कि मेरे दोस्त अरुण की तबियत खराब है दवा देने के लिए कहा। नाना जब दवा निकालने लगे तो जैकेट में छिपा कर रखे गये लोहे के सब्बल ने पीछे से नाना के सिर पर कई वार करके उनकी हत्या कर दी। इसके बाद घर में रखे पैसे व आभूषण को झोले में भर लिए। घर में गिरा हुआ खून को साफ करने के बाद नाना की चार पहिया वाहन को निकाला और शव उसमे रख कर पिसौर पुल के पास फेंक कर कैंटोमेंट एरिया गये। यहां पर चार पहिया वाहन छोड़ कर ओला बुक करके अपने घर चले गये।
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एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि जेएचवी डबल मर्डर में मारे गये सुनील गौड का बेटा अरुण गौड है जो रिटार्यड फार्मासिस्ट की हत्या में शामिल था। पत्रकार वार्ता में एसपी सिटी दिनेश सिंह, एसपी क्राइम ज्ञानेन्द्र प्रसाद, एसपीआरए एमपी सिंह व सीओ सदर अनिल कुमार भी उपस्थित थे।
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