वाराणसी

पुलिस अधिकारी बन गये देवदूत, मासूम को अपहरणकर्ताओं से छुड़वाने के लिए अपनाई यह तकनीक

24 घंटे में पुलिस ने अपहरणकर्ताओं से बच्चे को छुड़ाया

वाराणसीJun 06, 2020 / 09:59 am

Karishma Lalwani

पुलिस अधिकारी बन गये देवदूत, मासूम को अपहरणकर्ताओं से छुड़वाने के लिए अपनाई यह तकनीक

वाराणसी. उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में आठ साल की मासूम का अपहरण हो गया। इस मामले के सामने आने के बाद अपहरणकर्ताओं की खोज में जुटी पुलिस ने घंटों की मशक्कत के बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने बच्चे का अपहरण कर आठ लाख की फिरौती मांगी थी और पैसे न मिलने पर जान से मारने की बात कही थी। मामले में एसपी ने आरोपियों का खुलासा करने वाली टीम को 15 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है।
सैयदराजा कोतवाली क्षेत्र के छत्रपूरा गांव निवासी संतोष तिवारी के आठ वर्षीय पुत्र सक्षम गुरुवार की सुबह अपने घर के बाहर खेल रहा था। खेलते समय वह अचानक वहां से गायब हो गया। दिनभर परिजन ढूंढते रहे लेकिन सक्षम नहीं मिला। शाम में सक्षम के पिता संतोष तिवारी के फोन पर फिरौती के लिए फोन आया। इसके बाद तत्काल सक्षम के पिता ने सैयदराजा पुलिस से संपर्क किया और सदर कोतवाल ने घटना की पूरी जानकारी पुलिस अधीक्षक हेमंत कुटियाल को दी। पुलिस अधीक्षक हेमंत कुटियाल ने पुलिस की कई टीमें लगाई जिसमें मुगलसराय कोतवाल अलीनगर कोतवाल सदर कोतवाल स्वाट/एसओजी प्रभारी और सीओ सदर के नेतृत्व में कई टीम बनाकर बच्चे की बरामदगी के लिए रवाना कर दिया। इसमें सदर कोतवाल को बच्चे का मामा बनाकर सिविल ड्रेस में रकम लेकर अपहरणकर्ताओं के पास बच्चे के पिता के साथ भेजा गया।
अपहरण की रची साजिश

24 घंटे की खोजबीन के बाद पता लगा कि सक्षम पास के ही गांव फेसड़ा में मौजूद है। उसे एक कमरे में छिपा कर रखा गया है। पुलिस टीम ने यहां पहुंचकर आरोपियों को गिरफ्तार किया। वहीं, पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने अपहरण की साजिश रची थी। बच्चे के पिता संतोष तिवारी के पास लाखों रुपए होने की बात अपहरणकर्ताओं को पता चली थी। इसलिए उन्होंने संतोष तिवारी के बेटे के अपहरण की साजिश रची जिससे कि इसके बदले में उन्हें लाखों रुपये मिल सकें। अपहरणकर्ताओं का नाम गुलजार, रोशन और सत्येंद्र कुमार है।
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