1000 रुपये का लालच देकर ले गए थे
पुलिस का दावा है की नेपाली मूल के जिस युवक का सिर मुंडाया गया वह मुख्य साजिशकर्ता अरुण पाठक आरोपी राजेश राजभर और मांगों को पहले से जानता था। अरुण पाठक का आदमी राजेश राजभर महंगू और जय गणेश नाई उसे घाट पर एक कार्यक्रम में बाल बनवाने के लिए 1000 रुपये का लालच देकर अपने साथ ले गए। वहां उन लोगों ने युवक का बाल मूंडकर नारे लगवाए और उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। पुलिस की माने तो राजेश और महंगू ने उसे 1000 रुपये भी दिए।
लॉकडाउन में बेकार बैठा था इसलिये मान गया
नेपाली मूल के युवक के मुताबिक वह बनारसी साड़ी की किसी दुकान में काम करता था। लॉकडाउन लगने के कारण पिछले 4 महीने से घर पर ही बेकार बैठा था। ऐसे में जब उसे घाट पर चलकर वहां सिर मुंडाकर उसपर जय श्रीराम लिखवाने के लिये 1000 रुपए मिले तो वह तैयार हो गया।
नेपाली मूल का है स्थानीय युवक
वीडियो सामने आने के बाद उसमें दिख रहे जिस युवक को नेपाली माना जा रहा था वह नेपाली मूल का स्थानीय नागरिक निकला। उसके पूर्वज नेपाल से आए थे। उसके माता-पिता वाराणसी के भेलूपुर स्थित जल संस्थान में नौकरी करते थे मां की मृत्यु के बाद उसकी जगह पर युवक के बड़े भाई को नौकरी मिल गई। दोनों अभी भेलूपुर जल संस्थान स्थित सरकारी क्वार्टर में रहते हैं। युवक ने पुलिस को बताया कि उनके पूर्वज जरूर नेपाल से आए थे लेकिन अब उन्हें यह भी पता नहीं है कि वह कहां से आए थे।
नेपाली पीएम ने दिया था बयान
बताते चलें कि नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली अयोध्या को लेकर बयान दिया जिसके बाद भारत में उसके सदा एक ही प्रतिक्रिया और लोगों में गुस्सा देखने को मिला। वाराणसी के संगठन ने कैमरे के सामने नेपाली मूल के युवक का सिर मूंडकर उस पर जय श्री राम लिखा और नारे भी लगवाए। इसके अलावा घाट पर और वहां स्थित नेपाली मंदिर के बाहर संगठन की ओर से विरोध मैं पोस्टर भी चिपकवाए। वीडियो और पोस्टर को संज्ञान में लेकर पुलिस ने संगठन के खिलाफ भेलूपुर थाने में मुकदमा दर्ज कर सरगना सहित आरोपियों की गिरफ्तारी शुरू कर दी। थे आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं जबकि सरधना अरुण पाठक अब भी फरार है फरार है।