सप्तश्री आरती से पहले महिलाओं संग अभद्रता दरअसल मंदिर में न्यास परिषद की अनुमति से सुबह और शाम की आरती से पहले श्रद्धालुओं को गर्भगृह में जा कर दर्शन-पूजन की अनुमति मिली है। इसी के तहत शाम की सप्तश्री आरती से पहले श्रद्धालु कतारबद्ध हो कर एक-एक कर गर्भगृह में जा कर दर्शन-पूजन कर रहे थे। तभी एक बावर्दी सिपाही कतार में लगी महिला श्रद्धालुओं को खींच-खींच कर लाइन से बाहर करने लगा। सिपाही कुछ इस तरह से महिलाओ को खींच रहा था कि कई महिला श्रद्धालु तो गिरते-गिरते बचीं। ये सब सीसीटीवी कैमरे से मंदिर की वेबसाइट पर लाइव होता रहा। इस शर्मनाक घटना की शिकायत श्रद्धालुओं ने मंदिर प्रशासन से मौखिक शिकायत भी दर्ज कराई है।
नई नहीं है ऐसी घटना विश्वनाथ मंदिर गर्भगृह में श्रद्धालुओं संग अभद्रता की ये घटना कोई नई नहीं है। पहले भी इस तरह की अनेक घटनाएं हो चुकी हैं। लेकिन विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद जिस तरह से श्रद्धालुओं की तादाद बढी है। उस दौर में इस तरह की घटना मंदिर प्रशासन की साख पर बट्टा लगाती हैं।
मंदिर के गर्भगृह में तैनात सुरक्षाकर्मियों के लिए है अलग यूनिफार्म वैसे तो मंदिर के गर्भगृह और आसपास के क्षेत्र में ड्यूटी करने वाले सिपाहियों के लिए मंदिर प्रशासन ने अलग यूनिफार्म तय कर रखा है। इसके तहत पुरुष के लिए कुर्ता-पायजाम और महिला के लिए सलवार-सूट तय है। ऐसा इसलिए कि दर्शनार्थियों पर किसी तरह का तनाव न हो। वो भयमुक्त होकर दर्शन-पूजन कर सकें। लेकिन ज्यादातर पुलिस वाले मंदिर प्रशासन द्वारा तय यूनिफार्म नहीं पहनते हैं। रविवार की घटना में भी पुलिस वाला बावर्दी ही तैनात रहे। एक कतार लगवा रहा था तो दूसरा उसी कतार से महिलाओं को खींच कर बाहर करता रहा।
"मंदिर के गर्भगृह में तैनात सभी पुलिसकर्मियों शिनाख्त कराई जा रही है। पहचान होते ही दोषी पुलिसकर्मी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी।" ए सतीश गणेश, पुलिस कमिश्नर "गर्भगृह में दर्शन-पूजन का कराने का दायित्व पुलिस का है। अब सीसीटीवी कैमरे की फुटेज पुलिस को उपलब्ध करा कर मामले की जांच कराई जाएगी।" सुनील कुमार वर्मा, मुख्य कार्यपालक अधिकारी