सौ प्रतिशत उत्तर प्रदेश अभियान उत्तर प्रदेश में अपने साथी संगठनों के माध्यम से प्रयास कर रहा था कि इन सभी राजनैतिक दलों के वायदा पत्रों में पर्यावरण भी एक मुख्य मूद्दे के रूप में शामिल किया जाए। इस संदर्भ में अभियान की ओर से “पर्यावरण पर जन घोषणा पत्र भी बनाया गया था, जिसे राजनैतिक दलों के दफ्तर में और मीडिया के माध्यम से आम जनता के साथ भी साझा किया गया था।
ये भी पढ़ें- राजनीतिक दल अपने घोषणा पत्र में पर्यावरण संरक्षण को शामिल करें, इस संस्था ने की अपील.. क्लाइमेट एजेंडा के सौ प्रतिशत उत्तर प्रदेश अभियान की इस पहल के बाद सबसे पहले कांग्रेस की ओर से जारी घोषणा पत्र में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए एक सशक्त “स्वच्छ वायु कार्य योजना’’ का वायदा किया गया। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में ‘आधुनिक तकनीकी और मशिनरी का उपयोग करके हर घर स्थान, गांव, कस्बे और शहर में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना लागू करने का भी वायदा किया है। देश भर में सभी घरों में सस्ती कीमत पर स्वच्छ घरेलू इंधन का वायदा भी पर्यावरण को बेहतर बनाने के उद्देश्य के साथ किया गया है। एल पी जी के दाम को कम करना भी कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र में शामिल है। वनीकरण को अपना प्रमुख लक्ष्य मानते हुए देश में वन क्षेत्र 21 प्रतिशत से बढ़ा कर 25 प्रतिशत तक करने की बात भी इसमे की गई है। पार्टी ने यह भी कहा है कि रोजगार और पर्यावरण को जोड़ते हुए ग्रामीण क्षेत्र में रह रहे नौजवानों को प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के काम से जोड़ा जाएगा। स्वच्छ प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहन के साथ भारत को एक ग्रीन विनिर्माण हब बनाने का वायदा भी किया है।
ये भी पढ़ें- पर्यावरण संरक्षण को दरकिनार कर देश में कोयला आधारित संयंत्रों को मिल रहा बढावा देश की राजनीति में पहली बार ग्रीन बजट की बात करते हुए कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र में राष्ट्रीय खातों में पर्यावरणीय क्षरण और नुकसान की कीमत का हिसाब किताब करने का वायदा किया गया है। व्यापक भूमि और जल उपयोग नीति एवं कार्ययोजना भी तैयार करने की बात की है। नदियों में अपशिष्ट गिराने से रोकने के साथ साथ नदियों के संरक्षण में जारी होने वाले बजट को दोगुना करने का वायदा भी किया है।
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र में भी वायु प्रदूषण को मुख्य मुद्दा मानते हुए, हाल ही मे केंद्र सरकार के स्तर से जारी राष्ट्रीय स्वच्छ वायु नीति को एक मिशन में तब्दील करने की बात की गई है। वायु प्रदूषण को कम करने के लिए फसल अपशिष्ट को जलाने पर पूरी तरह से पाबंदी की बात भी कही गई है। नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए 175 गीगावाट का लक्ष्य वर्ष 2022 तक प्राप्त कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। नदियों के संदर्भ में भाजपा के घोषणा पत्र में नमामि गंगे को और सुदृढ़ करने, किनारे बसे सभी शहरों में सीवरेज की अवसंरचना को मजबूत करने का वायदा भी शामिल है।
इस मसले पर सौ प्रतिशत उत्तर प्रदेश अभियान की मुख्य अभियानकर्ता एकता शेखर और सानिया अनवर ने कहा कि “राष्ट्रीय राजनीती के केंद्र में पर्यावरण अब एक सवाल बन कर उभर रहा है। सौ प्रतिशत उत्तर प्रदेश अभियान के लिए यह देखना सुखद है कि दोनों ही राष्ट्रीय दलों के घोषणा पत्र में पर्यावरण, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, आदि के मुद्दे पर अपना अपना दृष्टिकोण रखा गया है। हालांकि, भारतीय राजनीति में यह एक सुखद बदलाव की शुरुआत भर है। अभी लंबा रास्ता तय किया जाना बाकी है। सौर ऊर्जा समेत सभी किस्म के नवीकरणीय ऊर्जा श्रोतों के संदर्भ में, बिजली आधारित परिवहन, मजबूत सार्वजनिक परिवहन को दुरुस्त करने, कोयले समेत सभी किस्म के जीवाश्म इंधन से दूरी आदि के बारे में अब तक किसी विशेष किस्म की परिचर्चा शुरू नहीं हो सकी है। ऐसे में पर्यावरण के कार्यकर्ताओं, संगठनों और नेटवर्कों का संघर्ष अभी काफी हद तक बचा हुआ है।”