वाराणसी. दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में छावनी परिषद में दो साल से लोकतांत्रिक प्रक्रिया पूरी तरह से ठप है। परिषद का गठन जो फरवरी 2020 में हो जाना चाहिए था, वो अब तक नहीं हो सका है। इससे छावनी क्षेत्र में रहने वालों के विकास कार्य हों या अन्य बुनियादी सुविधाएं प्रायः ठप पड़ी हैं। प्रशासकीय प्रबंधन के चलते क्षेत्र की जनता अपनी बात भी नहीं उठा पा रही है। इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसीदीय क्षेत्र से परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष ने पहल की है। अभी हाल ही में उन्होंने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को पत्र भेजा था। अब गुरुवार को उन्होंने पांच बिंदुओं पर सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 (RTI) के तहत जानकारी मांगी है।
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वाराणसी से उठी छावनी परिषद के चुनाव की मांग, पूर्व उपाध्यक्ष ने रक्षा मंत्री को भेजा पत्रफरवरी 2020 तक परिषद का गठन हो जाना था छावनी परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष व निवर्तमान पार्षद शैलेंद्र सिंह ने पत्रिका को बताया कि छावनी परिषद का गठन 28 फरवरी 2020 तक हो जाना चाहिए था। लेकिन इसी दरम्यान कोरोना महामारी के चलते चुनाव स्थगित कर दिए गए। लेकिन इसी दरम्यान पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब आदि राज्यों में विधानसभा चुनाव हो गए। यहां तक कि पिछले साल पंचायत चुनाव भी करा लिए गए जबकि उस दौरान देश कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा था। लेकिन छावनी परिषद का चुनाव लगातार टाला जा रहा है और इसका कारण भी स्पष्ट नहीं किया जा रहा। शैलेंद्र सिंह ने कहा कि परिषद का चुनाव कराने के लिए पिछले दिनों रक्षामंत्री को पत्र भेज कर चुनाव कराने की मांग की थी। अब आरटीआई से सूचना मांगी है।
इन बिंदुओं पर मांगी गई सूचना 1- दशकों से हो रहे देशभर के 62 छावनी बोर्ड के चुनाव को निर्धारित समय पर न कराए जाने का क्या कारण है? 2- छावनी परिषदों का चुनाव न कराया जाना या इस तरह से सालों साल तक टालते जाना क्या इन परिषदों के अंतर्गत रहने वाले नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन नहीं माना जाना चाहिए?
3- कई दशकों से हो रहे देश भर के 62 छावनी बोर्डों के चुनाव को कब कराया जाएगा और यदि कराया जाएगा तो किस समय कराया जाएगा? 4- छावनी परिषदों के चुनाव को इतने लंबे समय तक न कराए जाने के पीछे रक्षा विभाग और भारत सरकार की कोई नई नीति बनी है क्या यदि कोई नीति बनी है तो जनहित में उसे सार्वजनिक किया जा सकता है या नहीं?
5- क्या भारत सरकार रक्षा मंत्रालय में देश के सभी छावनी परिषदों को स्थानीय निकाय में विलय का कोई प्रस्ताव है, यदि है तो कृपया आवेदक को उससे भी उपलब्ध कराएं?