अभी कुछ दिन पहले पूजा पाल का बीजेपी ज्वाइन किए जाने की चर्चाएं हो रही थी। यह खबर आ गई थी कि पूजा पाल नई सियासी नांव पर सवार होने की पूरा मन बना लिया है। जिसकी तैयारी में भी जोरों शोरों से जुटी हुई थी। जिसे लेकर लखनऊ में पूजा पाल की कई भाजपा नेताओं से बातचीत की खबर भी आ रही थी। सुर्खियों में यह लगातार फैल रहा था कि कद्दावर नेता कमल के साथ नजर आएंगी। लेकिन पूजा पाल पूरी तरह से सुर्खियों से गायब है। आने वाले लोकसभा चुनाव में उनकी कहीं से कोई चर्चा सुनने को नहीं मिल रही है।
ऐसे बनी थी कद्दवार नेता
पूर्व विधायक पूजा पाल शादी के नौ दिनों बाद ही विधवा हो गई। इनके समर्थन में पूरा शहर उमड़ पड़ा और पूरे इलाहाबाद में जगह-जगह आक्रोश भड़क गया लोग सड़कों पर उतर आए और जमकर आगजनी व बवाल की घटनाएं होने लगी। कई दिनों तक बवाल के बाद मामला शांत हुआ और जब उपचुनाव और जब इलाहाबाद पश्चिमी की सीट पर उपचुनाव की तारीख घोषित हुई तो बसपा ने राजू पाल की पत्नी पूजा पाल को अपना कैंडिडेट घोषित कर दिया।
पूर्व विधायक पूजा पाल शादी के नौ दिनों बाद ही विधवा हो गई। इनके समर्थन में पूरा शहर उमड़ पड़ा और पूरे इलाहाबाद में जगह-जगह आक्रोश भड़क गया लोग सड़कों पर उतर आए और जमकर आगजनी व बवाल की घटनाएं होने लगी। कई दिनों तक बवाल के बाद मामला शांत हुआ और जब उपचुनाव और जब इलाहाबाद पश्चिमी की सीट पर उपचुनाव की तारीख घोषित हुई तो बसपा ने राजू पाल की पत्नी पूजा पाल को अपना कैंडिडेट घोषित कर दिया।
बाहुबली अतीक अहमद का तोड़ चुकी है तिलिस्म
उस विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक तौर पर पूजा पाल को जीत मिली उन्होंने अतीक अहमद के बाहुबल और धन पल को चकनाचूर करते हुए उनके भाई अशरफ को हराया था। परन्तु इससे भी ऐतिहासिक कारनामा अगले विधानसभा चुनाव में पूजा पाल ने किया और शहरी पश्चिमी सीट से चुनाव लड़े अतीक अहमद को धूल चटा दी। इस चुनाव के बाद ही अतीक अहमद के बुरे दिन भी शुरू हो गए थे पूजा पाल ने शहर पश्चिमी से अतीक अहमद के तिलिस्म को खत्म कर दिया था और अतीक अहमद व उनके गैंग के कुनबे को धूल में उड़ा दिया था।
बसपा ने कर दिया था निष्कासित, लगा था यह आरोप
पूर्व विधायक पूजा पाल पति की मौत के बाद पिछले करीब 13 वर्ष से बहुजन समाज पार्टी का साथ निभा रहीं थी। लेकिन बसपा ने इनपर अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए पार्टी से बाहर निकाल दिया। बसपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि विधानसभा चुनाव 2017 के बाद से पूजा पाल पूरी तरह निष्क्रिय होकर अपने क्षेत्र में नहीं गईं। पार्टी कार्यकर्ताओं का फोन नहीं उठाने के साथ वह पार्टी की बैठकों, सभाओं और कार्यक्रमों में भी शामिल नहीं हुईं। इसे गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए उन्हें पार्टी से निष्कासित किया गया है।
पूर्व विधायक पूजा पाल पति की मौत के बाद पिछले करीब 13 वर्ष से बहुजन समाज पार्टी का साथ निभा रहीं थी। लेकिन बसपा ने इनपर अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए पार्टी से बाहर निकाल दिया। बसपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि विधानसभा चुनाव 2017 के बाद से पूजा पाल पूरी तरह निष्क्रिय होकर अपने क्षेत्र में नहीं गईं। पार्टी कार्यकर्ताओं का फोन नहीं उठाने के साथ वह पार्टी की बैठकों, सभाओं और कार्यक्रमों में भी शामिल नहीं हुईं। इसे गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए उन्हें पार्टी से निष्कासित किया गया है।
भाजपा में शामिल होने की थी चर्चा
पूजा पाल का बीजेपी ज्वाइन करने की चर्चाएं जोर शोर से चल रही थी। यहां तक की केशव प्रसाद मौर्या से इस बारे में पूजा पाल की बातचीत भी हो गई थी। लेकिन वर्तमान समय में पूजा पाल सुर्खियों से पूरी तरह गायब हैं। कहीं से उनका कोई लिंक नहीं मिल रहा न ही उनका फोन चालू है।
पूजा पाल का बीजेपी ज्वाइन करने की चर्चाएं जोर शोर से चल रही थी। यहां तक की केशव प्रसाद मौर्या से इस बारे में पूजा पाल की बातचीत भी हो गई थी। लेकिन वर्तमान समय में पूजा पाल सुर्खियों से पूरी तरह गायब हैं। कहीं से उनका कोई लिंक नहीं मिल रहा न ही उनका फोन चालू है।