वाराणसी

पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ‘नवोदय रत्न’ से सम्मानित

नवोदय की प्रतिष्ठा में अभिवृद्धि व सम्मानजनक उपलब्धियों के लिए हुए सम्मानित

वाराणसीDec 27, 2021 / 07:16 pm

Ritesh Singh

पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ‘नवोदय रत्न’ से सम्मानित

लखनऊ ,वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव को नवोदय की प्रतिष्ठा में अभिवृद्धि एवं सम्मानजनक उपलब्धियों के लिए ‘नवोदय रत्न’ सम्मान से अलंकृत किया गया। जवाहर नवोदय विद्यालय, जीयनपुर, आजमगढ़ में आयोजित सिल्वर जुबली एल्मुनाई मीट में पूर्व प्राचार्य आई.पी सिंह सेंगर, वर्तमान प्राचार्य एस.के राय एवं जिला विद्यालय निरीक्षक मऊ श्री आर.पी यादव ने उन्हें सम्मान-पत्र व स्मृति चिन्ह के साथ शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
बतौर मुख्य अतिथि जवाहर नवोदय विद्यालय के पूर्व प्राचार्य श्री आई.पी सिंह सेंगर ने कहा कि नवोदय विद्यालय की प्रतिभाएँ विभिन्न क्षेत्रों में अपना परचम फहरा रही हैं और अपनी उपलब्धियों से नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत का कार्य भी कर रहे हैं। नवोदय विद्यालय, आजमगढ़ को यह श्रेय प्राप्त है कि यहीं के विद्यार्थी रहे कृष्ण कुमार यादव ने अपने प्रथम प्रयास में ही संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित सिविल सर्विसेज परीक्षा पास कर उत्तर प्रदेश से सिविल सेवाओं में सफल प्रथम नवोदयी विद्यार्थी बनने का गौरव प्राप्त किया।
नवोदय एल्मुनाई वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव डॉ. अभय यादव ने प्रशस्ति-वाचन करते हुए कहा कि, श्री कृष्ण कुमार यादव लोकप्रिय प्रशासक के साथ ही सामाजिक, साहित्यिक और समसामयिक मुद्दों से सम्बंधित विषयों पर प्रमुखता से लेखन करने वाले साहित्यकार, विचारक और ब्लॉगर भी हैं। विभिन्न विधाओं में आपकी सात पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं और जीवन पर भी एक पुस्तक “बढ़ते चरण शिखर की ओर : कृष्ण कुमार यादव” प्रकाशित हो चुकी है। देश-विदेश में विभिन्न प्रतिष्ठित सामाजिक-साहित्यिक संस्थाओं द्वारा विशिष्ट कृतित्व, रचनाधर्मिता और प्रशासन के साथ-साथ सतत् साहित्य सृजनशीलता के लिए आपको शताधिक सम्मान और मानद उपाधियाँ प्राप्त हैं।
उ.प्र. के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ’’अवध सम्मान’’, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी द्वारा ’’साहित्य-सम्मान’’, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल शेखर दत्त द्वारा ’’विज्ञान परिषद शताब्दी सम्मान’’ से विभूषित आपको अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर्स सम्मेलन, नेपाल, भूटान और श्रीलंका में भी सम्मानित किया जा चुका है। विभागीय दायित्वों और हिन्दी के प्रचार-प्रसार के क्रम में अब तक यादव लंदन, फ़्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, दक्षिण कोरिया, भूटान, श्रीलंका, नेपाल जैसे देशों की यात्रा कर चुके हैं। आपके परिवार को यह गौरव प्राप्त है कि साहित्य में तीन पीढ़ियाँ सक्रिय हैं। आपके पिता राम शिव मूर्ति यादव के साथ-साथ उनकी पत्नी आकांक्षा भी चर्चित ब्लॉगर और साहित्यकार हैं, वहीं बड़ी बेटी अक्षिता (पाखी) अपनी उपलब्धियों के लिए भारत सरकार द्वारा सबसे कम उम्र में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित हैं।
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