पुलिस अधिकारीयों के अनुसार प्रयागराज हत्याकांड लूट के इरादे से किया गया था। हत्याकांड में इस्तेमाल किया गया चापड़, कुल्हाड़ी, दो चाकू, चोरी का मोबाइल और लूट के करीब 9 हजार रूपये बरामद किये गए हैं। यही नहीं पुलिस ने इस मामले में सबूत मिटाने के आरोप में इलाके के एक होमगार्ड को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। एसएसपी अभिषेक दीक्षित के अनुसार प्रयागराज के इस सनसनीखेज हत्याकांड के खुलासे के लिये पुलिस जी जान से जुटी थी। इसके लिये तेज़ तर्रार पुलिसवालों की चार टीमें बनायी गयी थीं। पुलिस की टीमों ने ऑपरेशन बंजारा चलाया, जिसके चलते एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या की घटना का खुलासा हुआ और पुलिस आरोपियों तक पहुंच सकी।
ये है प्रयागराज हत्याकांड
प्रयागराज के होलागढ़ थानाक्षेत्र के देवापुर गांव में बीते 2 जुलाई की रात क्लिनिक चलाने वाले विमलेश पांडेय, इकलौते बेटे प्रिंस, दो बेटियों सृष्टि और श्रेया की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी, जबकि इसी घटना में विमलेश की पत्नी रचना पांडेय गंभीर रूप से घायल हो गई थीं। उनकी हालत अब भी नाज़ुक बनी हुई है और उन्हें अब भी वेंटिलेटर पर रखा गया है। विमलेश और उनके परिवार की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। उनके भाई ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।
कितना खूंखार है ‘छेमार गैंग’
हत्याकांड का खुलासा करते हुए प्रयागराज के एसएसपी अभिषेक दिक्षित अभिषेक दिक्षित अभिषेक दिक्षित ने बताया इसके पीछे जिस ‘छेमार गैंग’ का हाथ है वह बहुत ही खतरनाक गैंग है। ‘छेमार गैंग’ के लोग घुमंतू जाति के होते हैं। ये दिन में कहीं भी डेरा डालकर प्रवास करते हैं और इलाके की रेकी कर रात में वहां लूटपाट और हत्या करते हैं। इस गैंग की एक और खास बात यह है कि इसमें सरगना वही सरगना वही बन सकता है जिसने कम से कम 6 हत्याएं की हों। इसी वजह से गैंग का नाम छेमार गैंग पड़ा है। यह गैंग तीन राज्यों में ऐसी घटनाओं को अंजाम दे चुका है।