उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ व शिक्षक महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ दिनेश शर्मा के निर्देशन में शिक्षकों की समस्याओं एवं विद्यालय में बच्चों की मूलभूत सुविधाओं से संबंधित 12 सूत्रीय मांगो के समर्थन में 10 अक्टूबर 2019 को सर्किट हाउस कचहरी वाराणसी से अंबेडकर प्रतिमा वरुणा पुल वाराणसी तक सायं 4:00 बजे से मशाल जुलूस निकाला गया।
ये भी पढें-Yogi Adityanath government खा गई 1 लाख से ज्यादा टीचर्स की नौकरी इस मौके पर वक्ताओं ने बताया कि परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों की समस्याओं एवं बच्चों तथा विद्यालय की मूलभूत सुविधाओं को लेकर पूरे प्रदेश में शिक्षक आंदोलित है। लेकिन सरकार है उसकी कान पर जूं तक नहीं रेंग रही। सरकार के मंत्री और सरकारी हुक्मरान लगातार शिक्षकों का अपमान कर रहे हैं। ऐसे में शिक्षकों को सड़क पर उतरना पड़ा है। हालांकि आंदोलन के दौरान भी शिक्षकों ने पठन-पाठन जारी रखा। सभी शिक्षक व शिक्षिकाएं रोजाना की तरह अपने-अपने स्कूल गए, पठन-पाठन के अलवा सभी अन्य कार्यों को निबटाया उसके बाद आंदोलन के लिए कचहरी पहुंचे।
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-127000 समाप्त किए गए प्रधानाध्यापक के पदों की बहाली की जाय
-प्रत्येक विद्यालय में 01 प्रधानाध्यापक व न्यूनतम 05 सहायक अध्यापक की व्यवस्था की जाय
– विद्यालय में मूलभूत सुविधाओं फर्नीचर, विद्युत पंखे, शुद्ध पेयजल, चहारदीवारी की व्यवस्था हो
-प्रत्येक विद्यालय में लिपिक एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की व्यवस्था की जाए
-प्रेरणा ऐप प्रणाली जो निजता का उल्लंघन है उस पर तत्काल रोक लगायी जाय
– प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के संविलियन पर रोक लगाया जाय
-अंतर्जनपदीय स्थानांतरण अतिशीघ्र किया जाय
-न्यूनतम मूल.वेतन 17140 व 18150 लंबे समय से लंबित है जिसका निस्तारण किया जाय
-राज्य कर्मचारियों की भांति कैशलेस चिकित्सा सुविधा एवं ए.सी.पी. का लाभ दिया जाय
– ग्रीष्मावकाश के स्थान पर शिक्षकों को 40 दिन उपार्जित अवकाश एवं प्रत्येक माह के द्वितीय शनिवार को अवकाश दिया जाय
-प्रत्येक विद्यालय पर शिक्षकों को उनके वेतन क्रम के आधार पर आवासीय सुविधा व्यवस्था प्रदान किया जाय
– विद्यालयों का बेसिक शिक्षा विभाग के अलावा अन्य विभागों से कराये जा रहे निरीक्षण के नाम पर शोषण बंद कराया जाय
-127000 समाप्त किए गए प्रधानाध्यापक के पदों की बहाली की जाय
-प्रत्येक विद्यालय में 01 प्रधानाध्यापक व न्यूनतम 05 सहायक अध्यापक की व्यवस्था की जाय
– विद्यालय में मूलभूत सुविधाओं फर्नीचर, विद्युत पंखे, शुद्ध पेयजल, चहारदीवारी की व्यवस्था हो
-प्रत्येक विद्यालय में लिपिक एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की व्यवस्था की जाए
-प्रेरणा ऐप प्रणाली जो निजता का उल्लंघन है उस पर तत्काल रोक लगायी जाय
– प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के संविलियन पर रोक लगाया जाय
-अंतर्जनपदीय स्थानांतरण अतिशीघ्र किया जाय
-न्यूनतम मूल.वेतन 17140 व 18150 लंबे समय से लंबित है जिसका निस्तारण किया जाय
-राज्य कर्मचारियों की भांति कैशलेस चिकित्सा सुविधा एवं ए.सी.पी. का लाभ दिया जाय
– ग्रीष्मावकाश के स्थान पर शिक्षकों को 40 दिन उपार्जित अवकाश एवं प्रत्येक माह के द्वितीय शनिवार को अवकाश दिया जाय
-प्रत्येक विद्यालय पर शिक्षकों को उनके वेतन क्रम के आधार पर आवासीय सुविधा व्यवस्था प्रदान किया जाय
– विद्यालयों का बेसिक शिक्षा विभाग के अलावा अन्य विभागों से कराये जा रहे निरीक्षण के नाम पर शोषण बंद कराया जाय
उऩ्होंने कहा कि प्रेरणा एप में शिक्षकों या विद्यालय की समस्याओं से संबंधित सूची दिए जाने की कोई भी व्यवस्था नहीं है और सेल्फी द्वारा जो भी फोटो भेजे जाएंगे उसकी सुरक्षा के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है। इस व्यवस्था का संचालन भी योग्य व्यक्ति द्वारा नहीं कराया जाना है जिससे शिक्षकों को भारी आपत्ति है। यदि आजके मशाल जुलूस के बावजूद भी सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो 6 नवंबर 2019 को लखनऊ के इको गार्डन में सभी शिक्षक सामूहिक अवकाश लेकर विशाल धरना एवं प्रदर्शन करेंगे।
मशाल जुलूस व धरना प्रदर्शऩ में ये थे शामिल मशाल जुलूस में माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय मंत्री व पूर्व एमएलसी डॉ प्रमोद कुमार मिश्र, संतोष कुमार सिंह, कैलाश नाथ यादव, मायाशंकर यादव, सनत कुमार सिंह, अनूप सिंह, संजय सिंह, वीरेंद्रप्रताप सिंह, राकेशचंद्र पाठक, संजय सिंह, संजीव राय ,श्यामनारायण सिंह, अशोक सिंह, दुर्गा सिंह, ज्योति भूषण त्रिपाठी व कुंवर भगत सिंह, पार्थेश्वर पांडेय उमाकांत शर्मा ,जितेंद्र पांडेय अजय तिवारी ,कौशल कुमार सिंह, , राजेश कुमार ,सूर्यप्रसाद शर्मा, शांतेश्वर मिश्र, दरोगा सिंह,श्रीपादवल्लभ वक्षी,डा. सिद्धनाथ पांडेय,शंकर प्रसाद,ललित कुमार, शैलेंद्र सहाय वीरेंद्र गुप्ता नीरज मिश्रा,पारितोष सिंह,डा.प्रमोद पाण्डेय,वेदप्रकाश,शशांक पांडेय, राजन मौर्य, राजकुमार आदि शामिल रहे।