-सोशल मीडिया पर गुटबाजी को दिखाती फोटो वायरल
-शहर में होना है नगर निगम के सरैयां वार्ड 66 में उपचुनाव-चुनाव कार्यालय का उद्धाटन तक में गुटबाजी हुई उजागर-दोनों गुटों के शीर्ष नेताओं ने अलग-अलग किया चुनाव कार्यालय का फीता काट कर उद्घाटन
वार्ड उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के चुनाव कार्यालय का उद्धघाटन करते राजेश मिश्र व अजय राय
वाराणसी. कांग्रेस महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी पिछले लोकसभा चुनाव के बाद से लगातार यूपी में सक्रिय हैं। हर छोटे-छोटे मुद्दों को लेकर प्रदेश सरकार पर हमलावर हैं। प्रियंका गांधी प्रदेश संगठन को नए सिरे खड़ा करने की पूरी कोशिश की है। सभी जिलों में नए पदाधिकारी नियुक्त किए गए हैं। दावा किया गया कि अब गुटबाजी खत्म हो गई है और सब एकजुट हो कर मिशन 2022 के लिए काम करेंगे। लेकिन कम से कम बनारस कांग्रेस में ऐसा होता नजर नहीं आ रहा। यहां के दो बड़े ध्रुवों के शीर्ष नेताओं में कोई सामंजस्य नहीं दिख रहा। इसका ताजा तरीन उदाहरण है आगामी 14 जनवरी को होने वाले सरैयां वार्ड नंबर 66 का उपचुनाव।
IMAGE CREDIT: पत्रिका इस उपचुनाव के लिए क्षेत्र में कौन कितना कार्य कर रहा, क्या परिणाम होगा यह तो 16 जनवरी को मतगणना के बाद तय होगा। लेकिन जहां तक कांग्रेस का सवाल है तो सरैयां वार्ड में गत 5 जनवरी को एक चुनाव कार्यालय खोला गया। इस चुनाव कार्यालय का दो-दो बार फीता काट कर उद्घान हुआ। एक बार पूर्व विधायक अजय राय ने अपनी टीम के साथ पहुंच कर फीता काटा। चुनाव कार्यालय में मौजूद लोगों को संबोधित किया। इसकी भनक लगते ही पूर्व सांसद डॉ राजेश मिश्र कुछ देर बाद पहुंचे और उन्होंने भी फीता काट कर चुनाव कार्यालय का उद्घाटन किया। वह भी कार्यालय में कुछ देर रुके और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।
IMAGE CREDIT: पत्रिका बनारस के इन दोनों शीर्ष नेताओँ की चुनाव कार्यालय का फीता काट कर उद्घाटन करते फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई। हालांकि सोशल मीडिया पर फोटो वायरल होने के बाद एक गुट ने दबाव बना कर दूसरे गुट के शीर्ष नेता के फीता काट कर चुनाव कार्यालय का उद्घाटन करे वाली फोटो हटवाने का दबाव भी बनाया। लेकिन तब तक फोटो पूरे शहर भर में फैल चुकी थी। वार्ड 66 के मतदाताओं के बीच ये फोटो खास तौर पर चर्चा का विषय बनी हुई है।
IMAGE CREDIT: पत्रिका लोगों का कहना है कि एक वार्ड के चुनाव में जब ये हाल है तो अभी तो ग्राम पंचायत, प्रधान, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत तथा विधान परिषद चुनाव होने हैं। उसके बाद सबसे बड़ी चुनौती 2022 का विधानसभा चुनाव है। लोगों का कहना है कि इतनी बड़ी चुनौतियों को क्या इस तरह से सामना किया जाएगा।
IMAGE CREDIT: पत्रिका बता दें कि निकाय चुनाव में वार्ड नंबर 66 पर समाजवादी पार्टी के मौलवी रियाजुद्दीन अंसारी ने कब्जा किया था। हाल ही में सपा पार्षद अंसारी के निधन से रिक्त पद के लिए उप चुनाव हो रहा है। इस बार समाजवादी पार्टी ने अंसारी के पुत्र शफीकुज्जमा अंसारी बाबू को अपना प्रत्याशी बनया है। वहीं कांग्रेस ने रियाजुद्दीन को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। सपा ने गत 26 दिसंबर को बाजे-गाजे के साथ अपने प्रत्याशी का नामांकन दाखिल किया था। उसके बाद पार्टी पूरे जोश ओ खरोश के साथ जुटी है। वहीं कांग्रेस गुटबाजी में ही परेशान है।