यूपी की राजनीति में बड़ा बदलाव लोकसभा चुनाव 2014 में आया था। जब बीजेपी ने गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेन्द्र मोदी को बनारस संसदीय सीट का प्रत्याशी बनाया था। काशी आकर नरेन्द्र मोदी ने बाबा विश्वनाथ का दर्शन किया था और कहा था कि सोमनाथ से काशी विश्वनाथ आया हूं। इसके बाद जब संसदीय चुनाव के नामांकन के लिए बनारस आये थे तो कहा था कि मैं यहां आया नहीं हूं। मुझे मां गंगा ने बुलाया है। इसके बनारस का सांसद बनने के बाद भी पीएम मोदी डेढ़ दर्जन बार अपने संसदीय क्षेत्र का दौरा किया था। पीएम के साथ विदेशी राष्ट्राध्यक्ष भी काशी पहुंचे थे और पीएम के अधिकांश दौरे पर मां गंगा व काशी विश्वनाथ मंदिर कही ने कही से जुड़ा हुआ था। चुनाव अधिसूचना जारी होने से पहले ही पीएम नरेन्द्र मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरीडोर का शिलान्यास किया था। पीएम मोदी अपनी योजनाओं के सहारे खुद को जनता से जोडऩे का प्रयास करते रहे हैं। पीएम मोदी की राह पर अब प्रियंका गांधी भी चल पड़ी है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की पूर्वांचल की राजनीति में एंट्री मां गंगा से ही हो रही है। साथ ही प्रियंका गांधी काशी विश्वनाथ मंदिर में जाकर दर्शन भी करेंगी। इससे साफ हो जाता है कि पीएम नरेन्द्र मोदी की तरह ही प्रियंका गांधी भी खुद को पूर्वांचल की राजनीति में स्थापित करने के लिए मां गंगा को ही बढ़ा सहारा बनायेगी। प्रियंका गांधी की सक्रियता से कांग्रेस की ताकत जितनी बढ़ती है उतना ही नुकसान बीजेपी के साथ अखिलेश यादव व मायावती के गठबंधन को उठाना पड़ सकता है।
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यूपी में होगी त्रिकोणीय लड़ाई तो वोटरों को मिलेगा अधिक विकल्प
यूपी की राजनीति लड़ाई प्रतिदिन दिलचस्प होती जा रही है। चुनाव अधिसूचना लागू होने से पहले की बात की जाये तो सपा व बसपा गठबंधन होती ही यूपी की लड़ाई बीजेपी व महागठबंधन के बीच होती दिख रही थी। इसी बीच प्रियंका गांधी की पूर्वी यूपी में एंट्री हो जाती है जिसके चलते अब लड़ाई त्रिकोणीय होती जा रही है। वोटरों को त्रिकोणीय लड़ाई होने पर मतदान करने का अधिक विकल्प मिल जायेगा। पीएम मोदी की तरह प्रियंका गांधी का गंगा यात्रा सफल होती है तो कांग्रेस की ताकत बढ़ जायेगी।
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