प्रियंका गांधी ने कहा, नवरात्रि चल रही है, इस समय मुझे उचित लगा कि, मैं आपसे अपने दिल की बात करूँ. जो सच्चाई में मैंने पिछले २ साल में यूपी में देखी है. जब से मैं यहां काम कर रही हूँ. वो सच्चाई में आपके सामने रखना चाहती हूँ.
13 आदिवासियों के दर्द की कहानी प्रियंका गांधी ने कहा कि, शुरू शुरू में जब मैंने यूपी में काम करना शुरू किया। तो एक घटना हुई, जो वाराणसी से कुछ दूर सोनभद्र में घटी थी। इस घटना में १३ आदिवासी खेत में काम कर रहे थे। पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से कुछ लोग उनकी जमीन लेने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन वो बहुत बहादुर किसान थे।
परिवार की बेटियों को उठवाने की धमकी भी दी कुछ लोग लोग जीप, ट्रैक्टर लेकर आए और खेत में कम कर रहे लोगों से मारपीट की। गोली चलाई जिसमें 13 आदिवासी शहीद हो गए. सोनभद्र नरसंहार के पीड़ितों से मिलने जब मैं गई तो उन लोगों ने कहा कि हमें पैसा, मुआवजा, नौकरी नहीं, बल्कि हमें न्याय चाहिए। हमें न्याय की उम्मीद नहीं है दीदी। उनके पिता ने कहा था कि उन्हें घर से बाहर निकालकर पीटा गया था. उनकी 9 साल की एक बेटी को धमकाया गया था. वो बहुत गरीब परिवार के लोग थे। लेकिन स्वाभिमान था। उन्हें सिर्फ न्याय चाहिए था, क्यूंकी प्रदेश सरकार में उन्हें न्याय की उम्मीद नहीं थी. लेकिन आज तक उन्हें न्याय नहीं मिला।
उस घटना के समय भी भाजपा के पूर्व विधायक, भाजपा के एक प्रधान के बेटे और भाजपा के एक कार्यकर्ता, तीन लोगों ने मिलकर के उस मामले में शामिल थे. लेकिन प्रदेश की सरकार न उन पर कोई कार्यवाई नहीं की।
प्रियंका गांधी ने यूपी में कर दी चुनावी शुरुआत प्रियंका गांधी ने आज से यूपी में विधानसभा चुनावों की शुरुआत कर दी है। इस दौरान उन्होने प्रदेश की भाजपा सरकार पर किसान विरोधी होने का भी आरोप लगाया। वहीं इन चुनावों में कॉंग्रेस पार्टी लोगों के बीच कैसे संघर्ष कर रही है, उसका भी कई बार जिक्र किया। प्रियंका गांधी के वाराणसी दौरे के दौरान उनके मंच पर छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेंद्र बघेल, उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, वाराणसी पूर्व सांसद राजेश मिश्रा, राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा, रामपुर विधानसभा विधायक, आराधना मिश्रा उर्फ मोना मौजूद रहे है।