बता दें कि गत 17 जुलाई की घटना के तुरंत बाद प्रियंका ने इस मसले पर कांग्रेस का स्टैंड रख दिया था। वह 19 जुलाई को बनारस आईं और बीएचयू के ट्रामा सेंटर में भर्ती उम्भा कांड के पीड़ितों से मिलीं। वे उसी दिन सोनभद्र जाना चाहती थीं लेकिन बनारस से सोनभद्र जाते वक्त नारायणपुर में पुलिस ने रोका तो वह वहीं धरने पर बैठ गईँ। वह सोनभद्र जाने पर अड़ी रहीं। ऐसे में मिर्जापुर प्रशासन उन्हें हिरासत में लेकर चुनार किला ले गया। वहां उन्हों रात गुजारी। वहीं अगले दिन उम्भा पीड़ितों से मिलीं और वहीं घोषित किया कि हर मृतक आश्रित को 10-10 लाख और गंभीर रूप से पीड़तों को 1-1 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। उस घोषणा को उन्होंने पूरा कर दिखाया। अब वे वहां जा कर उनके बीच समय गुजार कर उनकी पीड़ा साझा करेंगी।
इससे पहले कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू सोमवार को ही वहां पहुंच चुके हैं। उनके साथ यूपी व पुर्वांचल के दिग्गज भी हैं। मंगलवार को प्रियंका के साथ वाराणसी से पूर्व विधायक अजय राय, यूथ कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राघवेंद्र चौबे भी उम्भा रवाना हुए।