बता दें कि लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद प्रियंका ने पूरी यूपी की संगठानत्मक इकाइयों को भंग कर दिया था। भंग इकाइयों को अब तक बहाल नहीं किया गया है। न ही नई कमेटियां बन सकी हैं। लेकिन प्रियंका ने युवा टीम को कसना शुरू कर दिया है। युवाओं को जिम्मेदारी सौंपनी शुरू कर दी है। इसी के तहत यूथ कांग्रेस के खाली पड़े पदों पर तेजी से नियुक्ति हो रही है।
इतना ही नहीं प्रियंका गांधी युवा ब्रिगेड पर ही ज्यादा फोकस करने का मूड बनाया है। वह युवाओं की एक नई फौज यूपी में खड़ा करने की सोच रही हैं। उन्हें पूरा भरोसा है कि युवा टीम ही कांग्रेस को यूपी में फिर से जिंदा कर सकती है। युवाओं की बदौलत ही यूपी की सत्ता तक पहुंचा जा सकता है।
इसी सोच के साथ उन्होंने यूपी में होने वाले उपचुनावों के लिए भी युवाओं को ही मैदान में उतारने को तरजीह दी है। अब तक घोषित प्रत्याशियों में 9 युवा हैं, इनमें ऐसे भी हैं जिनकी उम्र 30 साल से भी कम है। खास तौर पर जिस तरह से एनएसयूआई को तरजीह दी गई है, उससे राष्ट्रीय छात्र संगठन के सदस्यों में भी साफ उत्साह दिख रहा है।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय छात्र परिषद के अंतिम सचिव और एनएसयूआई के पूर्वांचल प्रभारी विकास सिंह का इस मामले में कहना है कि प्रियंका गांधी युवाओं को लगातार आगे बढ़ा रहीं हैं, चाहे वह संगठन में भागीदारी के स्तर पर हो या उत्तर प्रदेश में हो रहे विधानसभा उप चुनाव में। इससे युवाओं में बड़ा अच्छा संदेश गया है। युवाओं को लगातार मौके मिलने पर पार्टी संगठन में लगातार नए लोग जुड़ रहे हैं।