पार्टी सूत्रों की मानें तो प्रियंका गांधीं पूर्वांचल की तीन चर्चित सीटों, वाराणसी, गोरखपुर और इलाहाबाद को लेकर खासी नाराज हैं। वैसे पूरे प्रदेश की बात करें तो झांसी, मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, गाजियाबाद, लखनऊ में भी बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि प्रियंका गांधी ने लोकसभा चुनावों में कमज़ोर प्रदर्शन और न्याय जैसी योजना के ज़मीन तक न पहुंचने का बड़ा कारण लचर संगठन को माना है। ऐसे में इन जिलों के संगठन पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है। बता दें कि प्रियंका आज शाम (11 जून) को ही रायबरेली पहुंच रही हैं। रात्रि विश्राम के बाद बुधवार की सुबह 9.30 से शाम 5.30 बजे तक मीटिंग होनी है।
बैठकों में हारे हुए प्रत्याशी के साथ, सीट प्रभारी, स्थानीय संगठन के पदाधिकारी, कोआर्डिनेटर के साथ संबंधित क्षेत्र के पूर्व सांसद, विधायक, विधान परिषद सदस्य, ब्लॉक प्रमुख, ज़िला पंचायत सदस्य, अनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारी आदि मौजूद भी मौजूद रहेंगे।
बैठकों में हारे हुए प्रत्याशी के साथ, सीट प्रभारी, स्थानीय संगठन के पदाधिकारी, कोआर्डिनेटर के साथ संबंधित क्षेत्र के पूर्व सांसद, विधायक, विधान परिषद सदस्य, ब्लॉक प्रमुख, ज़िला पंचायत सदस्य, अनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारी आदि मौजूद भी मौजूद रहेंगे।
ये भी पढें- प्रियंका गांधी ने 27 जिलों के पदाधिकारियों को किया तलब, पूर्वांचल के कई दिग्गज कांग्रेसियों पर गिर सकती है गाज सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर अपने पद से इस्तीफ़ा दे चुके हैं। हालाँकि उन्हें अभी काम करने को कहा गया है लेकिन केंद्रीय नेतृत्व नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश में है। टीम प्रियंका के सदस्यों की मानें तो प्रदेश में नए चेहरे को लाया जा सकता है। संभव है नया प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस के परंपरागत नेताओं से बिलकुल अलग हो और अपनी नई टीम तैयार करे।
सूत्रों का कहना है कि प्रियंका गांधी ने अपनी टीम के सदस्यों से उन विधानसभा सीटों की पहचान करने को कहा है जहां क़रारी हार के बाद भी कांग्रेस को कम से कम 20,000 या अधिक वोट मिले हैं। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि प्रियंका गांधी की सोच है कि ऐसी विधानसभा सीटों पर पहले से ही प्रत्याशी तय कर 2022 की तैयारी शुरू कर दी जाए। साथ ही इन विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी ज़्यादा से ज़्यादा बड़े नेताओं के कार्यक्रम कराने से लेकर जन आंदोलनों तक पर ज़ोर देगी। प्रियंका गांधी का इरादा उत्तर प्रदेश में आने वाले विधानसभा चुनावों में चुनिंदा सीटों पर फ़ोकस कर वहां से बेहतर नतीजे हासिल करना है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि बीजेपी की तर्ज पर ही प्रियंका गांधी यूपी की अन्य पिछड़ी जातियों में भी घुसपैठ बनाने की रणनीति तैयार कर रही हैं। इसी के तहत वह न केवल कांग्रेस प्रत्याशियों को विभिन्न सीटों पर मिले मतों का ब्यौरा जुटा रही हैं, बल्कि मज़बूत सीटें भी छांट रही हैं जहां पार्टी को एक लाख के आसपास वोट मिले हैं।
ये भी पढें- प्रियंका गांधी ने तय की जिम्मेदारों की जिम्मेदारी, अब है जवाबदेही की बारी टीम प्रियंका के सदस्यों के मुताबिक़ वह पहले अपने पास डाटा बैंक बना लेना चाहती हैं। इस डाटा बैंक में प्रत्याशी को इस बार और पिछले चुनाव में कांग्रेस को मिले वोटों का ब्यौरा, विधानसभा सीटों के हिसाब से उनका वर्गीकरण, कमज़ोरियां, प्रचार के तरीक़े से लेकर स्थानीय संगठन की भूमिका सब कुछ होगा।
कांग्रेस नेताओं की मानें तो हाल ही में उत्तर प्रदेश में 11 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उप-चुनावों में नए चेहरों को उतारा जा सकता है। कांग्रेस अब संगठन से लेकर प्रत्याशियों के मामले में प्रयोग करने से पीछे नहीं हटेगी।
कांग्रेस नेताओं की मानें तो हाल ही में उत्तर प्रदेश में 11 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उप-चुनावों में नए चेहरों को उतारा जा सकता है। कांग्रेस अब संगठन से लेकर प्रत्याशियों के मामले में प्रयोग करने से पीछे नहीं हटेगी।